नोटों पर अचानक बैन से क्या ब्लैक मनी पर लगाम लग सकेगा?

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने 500, 1000 के नोट्स के मोनेटाइजेशन को लेकर दावा किया है कि इससे ब्लैक मनी पर लगाम लग सकेगा। बहुत से जानकार सरकार के इस दावे से सहमत भी हैं, लेकिन कुछ का यह भी कहना है कि इस फैसले से लोगों की परेशानी ही बढ़ी है, ब्लैक मनी पर इसका असर नहीं होगा।

नवभारत टाइम्स के अनुसार, इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट के प्रफेसर अभीरूप सरकार ने देश में पहले हुए मोनेटाइजेशन का हवाला देते हुए कहा, ‘इनका ब्लैक मनी के सर्कुलेशन पर कोई असर नहीं पड़ा। लोग ब्लैक मनी को कैश में नहीं रखते, बल्कि स्विस बैंक के खातों में जमा कर देते हैं। इसलिए पड़ी मछलियों पर इसका असर नहीं होगा।’
सरकार ने कहा, ‘ जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तो एक बार आरोप लगा कि उन्हें एक करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई, तब यह मापित किया गया था कि एक करोड़ रुपये के लिए बहुत बड़े सूटकेश की जरूरत होगी। अब हमारे देश में सर्कुलेट हो रही ब्लैक मनी को देखें तो एक करोड़ रुपये बहुत छोटी राशि है। यदि आप ज्यादा ब्लैक मनी रखने वालों को फंसाना चाहते हैं तो फिर 100 करोड़ के आंकड़ों को देखने की जरूरत है।’

1978 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने एक हजार, 5 हजार और 10 हजार के नोट बंद कर दिए। सरकार कहते हैं, ‘तब ऐसा अचनाक नहीं किया गया था। मौजूदा सरकार ने कुछ घंटों के भीतर 500 और 1000 के नोट को अवैध बना दिया। इससे केवल अराजकता ही होगी। लोग दुविधा में है।