नोटों पर प्रतिबंध का फैसला बिना सोचा समझा: कलकत्ता हाईकोर्ट

कोलकाता: नोटों पर बंधन अचानक फैसले पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार का यह फैसला बिना सोचा समझा है। अदालत ने  कहा कि केंद्र ने सही ढंग से सोच और विचार ने के बाद फैसला नहीं लिया है नोट बदलने को लेकर सरकार की ओर प्रतिदिन कुछ न कुछ बदले जा रहे सिद्धांत पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अदालत ने कहा है कि इससे साबित होता है कि सरकार ने बिना होमवर्क किए बिना यह बड़ा फैसला लिया है

उच्च न्यायालय ने जनता को आसानी से पैसा मुहैया नहीं करने के लिए बैंक कर्मचारियों की भी आलोचना की है उच्च कोर्ट ने कहा कि सरकार के फैसले को नहीं बदल सकते हैं, लेकिन बैंक कर्मचारियों में जनता की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए नोट प्रतिबन्ध पर पीआईएल की सुनवाई करते हुए पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति ने कहा कि लोग पैसे निकालने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं और अस्पताल में इलाज नहीं मिल रहा है। इस फैसले ने लोगों के जीवन अपच दी है जो सही नहीं है।