नोट के बदले वोट स्क़ाम: फ़र्द-ए-जुर्म आइद करने अदालत का फ़ैसला महफ़ूज़

दिल्ली की एक अदालत ने 2008-ए-के नोट बराए वोट स्क़ाम मुआमला में इल्ज़ामात वज़ा करने के अपने फ़ैसला को महफ़ूज़ रखा है।

इस में समाजवादी पार्टी के साबिक़ क़ाइद अमर सिंह और बी जे पी के दो अरकान-ए-पार्लीमेंट मुलव्वस हैं। ख़ुसूसी जज नरोत्तम कौशल ने इल्ज़ामात वज़ा करने केलिए 19 अक्टूबर की तारीख़ मुक़र्रर की है। याद रहे कि इल्ज़ामात वज़ा करने के लिए की गई जिरह के दौरान अमर सिंह ने इस मुआमला से उन्हें डिस्चार्ज करने का मांग‌ किया था।

अमर सिंह का कहना था कि ऐसे कोई शवाहिद मौजूद नहीं हैं जिस के तहत उन्हें लोक सभा में ख़त एतिमाद के वोट को नोट के बदले हासिल करने बी जे पी के दो अरकान-ए-पार्लीमेंट को अपनी तरफ‌ करने इल्ज़ाम साबित किया जा सके। दूसरी तरफ़ दिल्ली पुलिस ने अपनी अगस्ट 2011 की पहली फ़र्द-ए-जुर्म में अमर सिंह और अडवानी के साथ भरोसा मंद सुधींद्र कुलकर्णी को क़सूरवार ठहराया था और कहा था कि लोक सभा में 22 जुलाई 2008 को एतिमाद के वोट के दौरान कुछ अरकान-ए-पार्लीमेंट को रिश्वत देते हुए नोट के बदले वोट स्क़ाम की साज़िश रचने वाले यही दोनों मास्टर माईंड हैं।

याद रहे कि अमर सिंह और कुलकर्णी के इलावा बी जे पी एम पीज अशोक अर्गल, फुगाँ सिंह किलस्ते और साबिक़ एम पी महाबीर सिंह भगोड़ा, संजीव सक्सेना और अमर सिंह के साबिक़ साथी और बी जे पी रुक्न सुहेल हिंदुस्तान इस स्क़ाम के कलीदी मुल्ज़िमीन हैं।

पार्लीमानी पैनल की जानिब से स्क़ाम की तहक़ीक़ात के बाद 2009 में केस रजिस्टर किया गया था। यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्प होगा कि चारा स्क़ाम में साबिक़ वज़ीर-ए-आला बिहार-ओ-साबिक़ वज़ीर रेलवे और आर जे डी सरबराह लालू प्रसाद यादव को भी सज़ाए क़ैद सुनाई गई है। इसी तनाज़ुर में नोट के बदले वोट स्क़ाम के ख़ातियों के सिर पर भी तलवार लटकती नज़र आरही है।