कोलकाता:नोटबंदी के बाद देश भर में जारी नकदी की किल्लत के बीच बंगाल में सालबनी स्थित करेंसी प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारियों के ओवरटाइम करने से इंकार की वजह से यह संकट और गहराता नजर आ रहा है.
अमर उजाला के अनुसार, नोटबंदी के बाद बीते लगभग दो महीनों से बंगाल के मेदिनीपुर जिले में स्थित इस प्रेस के कर्मचारी लगातार ओवरटाइम कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा नोट छापे जा सके. कर्मचारी यूनियन ने कहा है कि लगातार ओवरटाइम करने की वजह से कर्मचारी तेजी से बीमार हो रहे हैं. ऐसे में उनके लिए अब ओवरटाइम करना मुश्किल है. सालबोनी की करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में फिलहाल 12-12 घंटे की दो शिफ्टों में नोटों की छपाई का काम चल रहा है.
इस प्रेस में सात सौ कर्मचारी काम करते हैं. यहां दस रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक के नोटों की छपाई होती है. ओवरटाइम के चलते इस प्रिंटिंग प्रेस से फिलहाल छह करोड़ 80 लाख नोटों की छपाई हो रही थी. लेकिन अब कर्मचारियों के ओवरटाइम करने से मना कर देने की वजह से महज तीन करोड़ 40 लाख नोट ही छप सकेंगे.