नोट बंदी के कारण बेबस मां ने खुद को लगाई आग

मेरठ: नोट बंदी न जाने और कितने लोगों के जान लेगी कोइ भुख से मरते हैं तो किसी की कतार में ही मौत हो जाती है मेरठ में नोटबंदी के चलते कई दिनों तक कतारों में लगने से एक मां इतनी परेशान हो गई कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की. मामला मेरठ के देहली गेट का है जहां बच्चों को भूख से बिलखते देख एक मां ने यह आत्मघाती कदम उठाया है. महिला ने खुद पर किरोसिन छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की.

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नेशनल दस्तक के अनुसार, महिला का नाम रजिया है और वह मजदूरी करके अपना घर चलाती है. उन्होंने बताया कि वह पिछले एक हफ्ते से बगल के बैंक में रुपये बदलने के लिए चक्कर लगा रही थी. पूरा दिन लाइन में खड़े होकर गुजर जाता था और शाम को बैंक से जवाब मिलता था कि बैंक में नकदी खत्म हो गई. इस वजह से परिवार के लोग काफी परेशान थे. हालात ये तक हो गए थे कि बच्चों के खाने-पीने तक के लाले पड़ गए. इसी से आहात होकर महिला ने रविवार रात घर में खुद पर किरोसिन उड़ेल कर आग लगा ली. इस बीच चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और गंभीर हालत में रजिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
गौरतलब है कि ये कोई नई घटना नही है जब नोट बंदी हुआ है तब से इस तरह के कितनी घटनाएँ देखने को मिला है. बता दूं कि गंभीर रूप से झुलसी महिला का इलाज नजदीक के अस्पताल में किया जा रहा है. मौके पर पहुंची पुलिस को बयान देते हुए महिला ने बताया कि बच्चों को भूख से बिलखते वह देख न सकी और उसने खुद को खत्म करने का फैसला ले लिया.