नोट बराए वोट अस्क़ाम, फ़ंड के ज़राए का पता चलाना ज़रूरी

पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की हिदायत, केस की मज़ीद निगरानी से इनकार
नई दिल्ली 2 सितंबर (पी टी आई) सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली पुलिस को हिदायत दी है कि वो 2008 -ए-में लोक सभा में एतिमाद का वोट जीतने से क़बल बाअज़ पारलीमनटरीन को मुबय्यना तौर पर दी गई रिश्वत के लिए रक़म के इस्तिमाल के ज़रीया का पता चलाए। पुलिस को ये पता चलाना ज़रूरी है कि आया अरकान-ए-पार्लीमैंट को रक़म देने का ज़रीया किया था। ये रक़म कहां से आई थी। दिल्ली पुलिस को फंड्स के ज़रीया का पता चलाने की हिदायत देते हुए जस्टिस आफ़ताब आलम और आर ऐम लवधा पर मुश्तमिल बंच ने ताहम इस केस की मज़ीद निगरानी से इनकार करदिया और कहाकि चार्ज शीट जो नोट बराए वोट अस्क़ाम से जानी जाती है अदालत में पहले ही दाख़िल करदी गई है। बंच ने कहाकि केस पर तसफ़ीया करने का मक़सद पूरा होचुका है। अब हर चीज़ क्रीमिनल कोर्ट से मुताल्लिक़ रह गई है जहां पर इस केस की समाअत जारी है। हमारे इस मुआमला में मामूली रोल है लिहाज़ा नोट बराए वोट अस्क़ाम में जो कोई भी मुलव्वस है उन के ताल्लुक़ से फ़ैसला तहत की अदालत करेगी। साबिक़ चीफ़ इलैक्शन कमिशनर जी ऐम लनगडोह ने जिन की दरख़ास्त पर सुप्रीम कोर्ट ने चंद हिदायतें जारी करते हुए इस केस को ज़ेर-ए-इलतिवा रखा था। अदालत ने ताहम इस दरख़ास्त पर तवज्जा नहीं दी और कहाकि वो किसी भी वक़्त किसी भी मरहला पर रुजू होसकते हैं। जब कभी इस केस में अदालत की मुदाख़िलत की ज़रूरत महसूस हो तो वो रुजू हूँ। दिल्ली पुलिस ने भी सुप्रीम कोर्ट की बंच को तीक़न दिया कि वो 4 हफ़्तों के अंदर अपनी तहक़ीक़ात मुकम्मल करेगी। जैसे ही अदालती कार्रवाई का आग़ाज़ हुआ, बंच ने रेमार्क किया कि दिल्ली पुलिस ने अब तक नोट बराए वोट अस्क़ाम के लिए दी गई रक़म के ज़रीया का पता चलाने में नाकाम रही है। बंच ने कहाकि पुलिस की तहक़ीक़ात में इस पर तवज्जा दी जानी ज़रूरी है।