उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि ज्ञान और सशक्तिकरण के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण साधन है।
पोर्टब्लेयर में आज डॉ. बी. आर. अम्बेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वास्तविक शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सकें। शिक्षा में अकादमिक योग्यता और स्वरोजगार के लिए कौशल को समान महत्व दिया जाना चाहिए।
21वीं शताब्दी की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा प्रदान करने के तरीकों, पाठ्यक्रमों तथा ज्ञान प्राप्ति की प्रक्रियाओं में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केजी से लेकर पीजी तक की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन की आवश्यकता है। केवल शैक्षणिक प्रमाण-पत्र पर ही नहीं, बल्कि छात्र के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया जाना चाहिए।
उच्च शिक्षा संस्थानों से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों में सद्भावना, सहानुभूति और शिक्षकों व उम्र में बड़े लोगों के लिए आदर होना चाहिए। उनमें विद्वता के साथ-साथ तकनीकी कौशल तथा ईमानदारी और नैतिक मूल्य भी होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों में बचपन से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। बच्चों को रटने की बजाय प्रयोग के आधार पर विषय को सीखने का प्रयास करना चाहिए।