नौजवान ,ग़ैरशरई हरकात से अहितराज़ करें : मुफ़्ती ख़लील अहमद साहिब की तलक़ीन

हैदराबा 24 जनवरी :शेख़ उल जामिआ निज़ामीया हज़रत मौलाना मुफ़्ती ख़लील अहमद ने नौजवानों को तलक़ीन की हीके वो ईद मीलाद-उन्नबी (pbuh) के मौके पर ग़ैरशरई हरकात से ख़ुद को महफ़ूज़ रखें।

ख़ुसूसी मुलाक़ात में मुफ़्ती ख़लील अहमद ने बताया कि उल्मा के कई फतावी मौजूद हैं जिस में कहा गया हीका मीलाद मुबारक का जलूस निकालना यक़ीनन मुबारक है। बहुत अच्छा अमल है। इस के अलावा ईद (pbuh) के मुबारक-ओ-मसऊद मौके पर नेक काम करना और शरीयत इस्लामी में जिन चीज़ों को और आमाल को मुबारक, बरकतों और रहमत वाले बताया है वो तमाम काम अंजाम देने की इजाज़त है और शरीयत ना सिर्फ़ उस की इजाज़त देती है बल्के तरग़ीब भी देती है लेकिन अपने नबी (pbuh) की विलादत बासआदत के मुबारक तरीन मौके पर एसी हरकतें करना जो शरीयत के ख़िलाफ़ हो और दूसरों के तरीक़ों के मुताबिक़ हो उन से अहितराज़ और परहेज़ करना ज़रूरी है।

मौलाना मुफ़्ती ख़लील अहमद ने मज़ीद बताया कि अराशि फेंकना, गुलाल लगाना, नाच गाना, रक़्स और नाअतों को नग़मों के अंदाज़ में पेश करना ग़ैर शरई अमल है। इन ग़ैर इस्लामी-ओ-ग़ैर शरई आमाल से मुसलमानों को गुरेज़ करना चाहीए ताके दूसरों के सामने हमें शर्मिंदा ना होना पड़े।

उन्हों ने कहा कि ईद मीलाद ग़ैरों के सामने इस्लामी तालीमात पेश करने का बेहतरीन मौक़ा है। नौजवान इस से फ़ायदा उठा कर ग़ैरों के सामने देन की हक़ीक़ी पाकीज़ा तस्वीर पेश करें।