नौजवान ज़हनों में इंसानी ख़िदमत का जज़बा पैदा करना ज़रूरी: सदर जम्हूरिया

सदर जम्हूरिया प्रण‌ब मुख‌र्जी ने आज कहा कि बनीनौ इंसान की बहबूद को ही अव्वलीयत दी जानी चाहिए। नौजवानों के ज़हनों में इंसानी ख़िदमत और बहबूद का दरस बिठाते हुए तरक़्क़ी हासिल की जा सकती है।

ये नौजवान जब अपनी अमली ज़िंदगी का आग़ाज़ करने के लिए दुनिया से वाबस्ता होते हैं तो उनके ज़हनों में सिर्फ़ और सिर्फ़ बनीनौ इंसान की बहबूद की फ़िक्र होनी चाहिए। विश्वा भारती यूनीवर्सिटी के तलबा-ए-से 48 वीं कांवोकेशन के मौक़े पर ख़िताब करते हुए प्रणब मुखर्जी ने साबिक़ सदर अमरीका जान एफ़ कनेडी के अलफ़ाज़ को दुहराया कि मेरे मुल्क के बाशिंदों को ये नहीं पूछना चाहिए कि मुल्क ने उनके लिए क्या किया है बल्कि ये पूछना चाहिए कि मुल्क के लिए वो क्या करसकते हैं। हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी बनीनौ इंसान की ज़रूरीयात से वाबस्ता है।

हमारा फ़रीज़ा है कि हम इंसान की ख़िदमत को अपना शेवा बना लें। उन्होंने तलबा पर ज़ोर दिया कि वो पूरे हौसले और जज़बे के साथ दुनिया से वाबस्ता होजाएं। सदर जम्हूरिया ने कहा कि मुल्क की हर यूनीवर्सिटी की अपनी ख़ास शनाख़्त होती है। राबनदर नाथ टैगोर ने 1901 में आश्रम के हिस्से के तौर पर तालीमी इदारे क़ायम किया था इस के बाद 1951 -ए-में उसे सैंटर्ल यूनीवर्सिटी का दर्जा दिया गया।