न्यायमूर्ति केहर को मुख्य न्यायाधीश बनाने का विरोध अनावश्यक, वकीलों के एक समूह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज न्यायमूर्ति जे एस केहर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद पर विकास दिए जाने का विरोध करते हुए वकीलों के एक समूह की ओर से दाखिल किए गए अनुरोध को व्यवहारिक रूप अनावश्यक करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने महसूस जताई है कि इस सिलसिले में राष्ट्रपति ने पहले ही घोषणा जारी कर दिया है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और एल नागेश्वर राव से मिलकर एक पीठ ने कहा कि जस्टिस जेएस केहर आगामी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सेट करने की घोषणा पहले ही जारी किया जा चुका है। इसलिए अब यह आवेदन अमलन अनावश्यक है। इस आवेदन में कोई नई बात नहीं है क्योंकि राष्ट्रपति ने पहले ही घोषणा जारी कर दिया है, अगर आप चाहते हैं तो आप अपने आवेदन को वापस ले सकते हैं।

हालांकि इस मसले पर वकीलों के कुछ सदस्यों के बीच चर्चा हुई और सुप्रीम कोर्ट से इच्छा की गई कि वह इस मामले की अगली सुनवाई 30 दिसंबर तय करे। अन्य सदस्यों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ही ताजा याचिका दाखिल करने की छूट दे सकती है। इस पर पीठ ने कहा कि आप खुद इस मुद्दे पर एक दूसरे से उलझ पड़े हुए हैं।