ईस्लामाबाद २३ दिसम्बर: ( पी टी आई ) हिंदूस्तान और पाकिस्तान के सीनियर ओहदेदार 26 से 27 दिसम्बर मुलाक़ात कर रहे हैं । इस मौक़ा पर बाहमी मुज़ाकरात के अमल के हिस्सा के तौर पर न्यूक्लियर और रिवायती एतिमाद की बहाली के इक़दामात पर बातचीत होगी ।
सिफ़ारती ज़राए ने बताया कि तक़रीबन 4 साल के वक़फ़ा के बाद न्यूक्लियर पर जवाइंट वर्किंग ग्रुप की ये पहली मुलाक़ात होगी । इस के इलावा रिवायती एतिमाद की बहाली के इक़दामात के हिस्सा के तौर पर भी बातचीत की जाएगी । हाल ही में ईस्लामाबाद और नई दिल्ली में दोनों ममालिक के मोतमिद यन ख़ारिजा ने मुख़्तलिफ़ उमोर पर बातचीत की थी ।
ज़राए ने बताया कि मुजव्वज़ा इजलास में जम्मू-ओ-कश्मीर और मीज़ाईल तजुर्बात पर एतिमाद की बहाली के इक़दामात के इलावा सरहद । लाईन आफ़ कंट्रोल तिजारत और सफ़र को फ़रोग़ देने के इक़दाम पर भी बातचीत की जाएगी । पाकिस्तान ने सियोल न्यूक्लियर टैक्नालोजी तक रसाई के अपने दावा को ज़्यादा मज़बूत बनाने के मक़सद से हिंदूस्तान के साथ सियोल न्यूक्लियर तआवुन की ख़ाहिश ज़ाहिर की है ।
इमकान है कि मुलाक़ात में फ़ो को शीमा जैसी सूरत-ए-हाल से निमटने केलिए इक़दामात पर भी तबादला-ए-ख़्याल किया जाएगा। हिंदूस्तानी ज़राए ने बताया कि पाकिस्तान और तर्क असलाह से मुताल्लिक़ उमोर को बातचीत में शामिल किया जाएगा । पाकिस्तान की जानिब से दफ़्तार-ए-ख़ारजा के ऐडीशनल सैक्रेटरी क़ियादत करेंगे ।
न्यूक्लियर और रिवायती एतिमाद की बहाली इक़दामात पर जवाइंट वर्किंग ग्रुप का आख़िरी इजलास अक्टूबर 2007 में मुनाक़िद हुआ था। हिंदूस्तान और पाकिस्तान ने तक़रीबन दो साल के वक़फ़ा के बाद 2011 के अवाइल में बाहमी मुज़ाकरात का अहया किया है । 2008 मुंबई हमलों के बाद बाहमी रवाबित तात्तुल का शिकार हो गए थे ।