न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए बिहार तैयार

नवादा के रजौली में माज़ूजह न्यूक्लियर पावर प्लांट को एहसास करने के लिए रियासत हुकूमत के सतह पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। जुमेरात को चीफ़ सेक्रेटरी अशोक कुमार सिन्हा ने आला अफसाओं के साथ बैठक कर इस सिलसिले में कई जरूरी हिदायत दिये। उन्होंने तूअनाई महकमा के अफसरों को हिदायत दिया है कि वे न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और मर्कज़ी हुकूमत से तहरीरी दरख्वास्त करें कि न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर रियासत हुकूमत के सतह पर और क्या कार्रवाई की जा सकती है।

बनेगी 1400 मेगावाट बिजली : बिजली बहरान को देखते हुए रजौली का यह पावर प्लांट बिहार के लिए काफी अहम मुकाम रखता है। यहां 1400 मेगावाट बिजली पैदावार का हदफ है। इसके लिए सात सौ मेगावाट के दो यूनिटों की तनसीब की जानी है। मर्कज़ी टीम रजौली का दौरा कर अपनी रजामंदी ज़हीर कर चुकी है। साल 2007 से ही इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, लेकिन अब तक यह एहसास होता नहीं दिख रहा है। जबकि, रियासत हुकूमत ने फुलवारिया रिजर्व वायर से इस प्लांट के लिए पानी देने पर अपनी मंजूरी दी थी। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एख्तेलाफ़ होने पर गंगा नदी से पानी दिया गया है, जिसे मर्कज़ी टीम ने मंजूर कर दिया है।

तूअनाई महकमा के अफसरों ने कहा कि कहा है कि रियासत हुकूमत के सतह पर इस मंसूबा को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। जमीन फराहम करा दी गयी है। मर्कज़ी सतह पर ही महौलियाती मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा निशान देही मुकाम के इर्दगिर्द की आबादी को बसाने की जरूरत होगी। मंजूरी मिलने के बाद हतमी फैसला एनपीसीआइएल को ही लेना है। मंसूबा और तरक़्क़ी महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी विजय प्रकाश, पानी वसायल महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी अरुण कुमार सिंह और तूअनाई सेक्रेटरी संदीप पौंड्रिक शामिल हुए।