न्यूक्लियर सेयानत से पुरअमन इस्तिमाल का हक़ गैर मुतास्सिर

मज़बूत क़ौमी इक़दामात और न्यूक्लियर दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ आलमी तआवुन की ख़ाहिश करते हुए आलमी क़ाइदीन ने आज एटमी सेयान्ती चौखटे को मुस्तहकम करने में बैन उल-अक़वामी एटमी निगरानकार इदारे के मर्कज़ी किरदार की अहमियत पर ज़ोर दिया और इसरार किया कि रियासतों के न्यूक्लियर तवानाई के पुर अमन इस्तिमाल के हुक़ूक़ को इस चौखटे के क़ियाम से ग़ैर मुतास्सिर होना चाहीए ।

सियोल आलामीया में जो दो रोज़ा न्यूक्लियर सेयानत चोटी कान्फ़्रैंस के इख़तेताम पर जारी किया गया है कहा गया है कि रियासतों की बुनियादी ज़िम्मेदारी पर ज़ोर दिया जाता है जिसे मुताल्लिक़ा क़ौमी और बैन उल-अक़वामी ज़िम्मा दारीयों के मुताबिक़ होना चाहीए इस में न्यूक्लियर मादों का न्यूक्लियर हथियारों के लिए इस्तिमाल और न्यूक्लियर कारख़ानों को उन के कंट्रोल में रखना शामिल है।

53 आलमी क़ाइदीन और 5 कसीर क़ौमी तनज़ीमों ने आलामीया की मंज़ूरी देते हुए ममालिक की बुनियादी ज़िम्मा दारीयों को भी उजागर किया कि बाअज़ गैर सरकारी अनासिर उसे माद्दे हासिल कररहे हैं उन की टैक्नालोजी की बारे मेंमालूमात हासिल कररहे हैं ताकि उन्हें मशकूक मक़ासिद के लिए इस्तिमाल किया जा सके ।

न्यूक्लियर दहश्त गर्दी बैन उल-अक़वामी सेयानत के लिए एक खतरों भरा चैलेंज बन गया है । इस ख़तरा को बेअसर करने के लिए ताक़तवर क़ौमी इक़दामात और बैन अल-अक़वामीतआवुन ज़रूरी है । इस बात का अह्द किया गया कि न्यूक्लियर सलामती के लिए जो मुस्तहकम इक़दामात किए जाएंगे उन से ममालिक के पुर अमन मक़ासिद के लिए न्यूक्लियर तवानाई इस्तिमाल करने का हक़ मुतास्सिर नहीं होगा।