हिंदूस्तान के साथ न्यूक्लीयर वाजिबात ( उचित बात) बिल पर बातचीत से अमेरीका के कई अंदेशों का अज़ाला हो चुका है। ताहम ( फिर भी) तमाम अंदेशे हनूज़ दूर नहीं हुए। नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा अमेरीका बराए जुनूबी-ओ-वसती एशीया राबर्ट ब्लैक ने अमेरीकी कांग्रेस में ब्यान देते हुए कहा कि वाजिबात ( उचित बात) क़ानून पर हिंदूस्तान से दो टूक बातचीत हुई, जिससे अमेरीका के चंद अंदेशों का अज़ाला ( ज़ाहीर) हो गया।
ताहम ( फिर भी) तमाम अंदेशों का नहीं हुआ। उन्हों ने ख़्याल ज़ाहिर किया कि अमेरीकी कंपनीयों को अब भी ये एहसास है कि मौजूदा क़ानून की वजह से पेशरफ़त में अब भी रुकावटें बरक़रार हैं। इसलिए हिंदूस्तान के साथ बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा।
दरीं असना अमेरीका कंपनीयों की ताईद (हिमायत) पर तवज्जा (ध्यान) मर्कूज़ करेगा। जल्द अज़ ( से) जल्द तिजारती ( व्यापार् से संबंधित) मुआहिदों पर दस्तख़त की कोशिश की जाएगी।
नागवार शराइत ( नापसंद शर्तें) हज़फ़ ( अलग ) कर दिए जाऐंगे या किसी ना किसी तरह मौजूदा वाजिबात क़ानून में तरमीम की जाएगी। वो अमेरीकी कांग्रेस के इजलास ( सामारोह) पर ब्यान दे रहे थे। सदर नशीन ज़ेली कमेटी बराए मशरिक़-ए-वुसता-ओ-जुनूबी एशीया स्टीव चाबोट ने चंद सवालात किए, जिन के जवाब देते हुए ब्लैक ने कहा कि इस सिलसिला में काफ़ी पेशरफ़त हुई है और उम्मीद है कि जल्द से जल्द मुआहिदे मुकम्मल ( पूरे) हो जाएंगे।