नई दिल्ली, २८ नवंबर (पीटीआई) आइन्दा साल यक्म जनवरी से नक़दी की रास्त मुंतक़ली के अपने नए बड़े प्रोग्राम को शुरू करने की तैयारी के साथ हुकूमत ने आज कहा कि ये प्रोग्राम देरपा फ़वाइद के साथ हालात को तबदील कर देने वाला होगा और ऐसी बातों को मुस्तर्द कर दिया कि ऐसे वस्त मुद्दती चुनाव का इशारा समझा जाए ।
ये प्रोग्राम जिसका मक़सद ख़ामीयों को दूर करते हुए फ़वाइद की मुंतक़ली को यक़ीनी बनाना है , इब्तिदाई तौर पर 29 बहबूदी स्कीमात का अहाता करेगा जिनका ताल्लुक़ बुनियादी तौर पर स्कालरशिप्स से है लेकिन इसमें रियायती ग़िज़ा और खाद के इस्तेफ़ादा कुनुन्दगान को ख़ारिज रखा गया है क्योंकि इसमें पेचीदा और मुश्किल मसाइल दरपेश हैं ।
वज़ीर फायनेन्स पी चिदम़्बरम और वज़ीर देही तरक्कियात जय राम रमेश ने कहा कि नया बड़ा प्रोग्राम जिसके तहत इस्तेफ़ादा कुनुन्दगान बैंकों के ज़रीया नक़दी हासिल करेंगे , रिवायत शिकन इस्लाह है । चिदम़्बरम ने कहा कि तक़रीबन 29 स्कीमात आइन्दा साल यक्म जनवरी से 16 रियास्तों में फैले हुए 51 अज़ला में शुरू किए जाने के लिए तैयार है ।
इलेक्ट्रॉनिक कैश ट्रांसफ़र्स की असास आधार (यूनीक आईडंटीफ़ीकेशन नंबर) प्लेटफार्म पर होगी । आइन्दा साल के ख़त्म तक सारे मुल्क के अहाता का निशाना रखा गया है । अपोज़ीशन के इस इल्ज़ाम को मुस्तर्द करते हुए कि ये स्कीम अवाम को रिश्वत पेश करने के मुतरादिफ़ है क्योंकि वस्त मुद्दती चुनाव हो सकते हैं , उन्होंने कहा कि ये लगू बात है ।
मैं इससे ज़्यादा कोई सख़्त लफ़्ज़ अदा नहीं कर सकता । लोगों को कुछ कहते हुए दानिशमंदी से काम लेना चाहिये । लोगों को अपनी इल्ज़ाम आराई में कुछ तो ज़िम्मेदारी के एहसास से काम लेना चाहिये । ये ज़ोर देते हुए कि इस प्रोग्राम का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है , उन्होंने कहा कि इंतेख़ाबात आएंगे और इंतेख़ाबात जाएंगे ।
हुकूमतें आएंगी और हुकूमतें जाएंगी । पार्टीयां भी आती रहेंगी और पार्टीयां जाती रहेंगी लेकिन इस तरह के प्रोग्राम देरपा फ़वाइद के हामिल होंगे । चिदम़्बरम ने जो रमेश के साथ ए आई सी सी हेडक्वारटर्स में जवाइंट प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब कर रहे थे , कहा कि ये स्कीम हिंदूस्तान के आम शहरीयों के नुक्ता-ए-नज़र से हालात को तबदील कर देने वाली होगी और इसके फ़ायदे अरसा-ए-दराज़ तक क़ायम रहेंगे ।
रमेश ने इसे हक़ की मुंतक़ली क़रार देते हुए कहा कि ये 2009 में कांग्रेस का इंतेख़ाबी वायदा रहा जिसकी तकमील की जा रही है । उन्हों ने कहा कि कांग्रेस एक सयासी जमात है ना कि एन जी ओ । हम ने 2009 के हमारे इंतेख़ाबी मंशूर में फ़वाइद और रियायतों की नक़दी की शक्ल में मुंतक़ली का वायदा किया था । इंतेख़ाबात की बात कहाँ से आती है ?