रिज़र्व बैंक की पालिसी पर पहली सहि माही की नज़र-ए-सानी पेश करने पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए इंडिया इन कारपोरेशन ने कहा कि हुकूमत को शरह तरक़्क़ी बहाल करने के और सरमायाकारी में इज़ाफ़ा करने के फ़ौरी इक़दामात करने चाहीए ।
उन्होंने कहा कि हमें मालीयाती पालिसी पर पहली सहि माही केलिए नज़र-ए-सानी के ऐलान पर सख़्त मायूसी हुई क्योंकि जी डी पी की पेश क़ियासी में 5.7 फ़ीसद से 5.5 फ़ीसद करदी गई है ।