नज़र सानी होगी मदरसा दस्तूरुल अमल

रियासत के 590 मदरसों को ग्रांट देने के लिए दस्तूरुल अमल में तरमीम होगा। मदरसा दस्तूरुल अमल 1980 में तरमीम की अमल शुरू हो गयी है। इंसानी वसायल तरक़्क़ी महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के विद्यासागर और कैबिनेट सेक्रेटरी जेबी तुबिद की रुकनीयत वाली कमेटी की बैठक में दस्तूरुल अमल में तरमीम करने पर मंजूरी बनी है।

मदरसों की मंजूरी के लिए बिहार के वक़्त में बनी दस्तूरुल अमल में तरमीम किया जायेगा। इसके लिए मदरसों की ज़मीन, इमारत, तालिबे इल्म की तादाद, लाइब्रेरी, और दीगर आलात में भी छूट मिल सकती है। काबिल ज़िक्र है कि रियासत में तकरीबन 590 मदरसों के ग्रांट का मामला काफी दिनों से तौविल है। मौजूदा दस्तूरुल अमल में मदरसे की मंजूरी के लिए मदरसा के नाम पर ज़मीन का रेजिस्टर्ड जरूरी है। संताल परगना डिवीजन में एसपीटी एक्ट की वजह ज़मीन का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है, इससे वहां मदरसों को मंजूरी नहीं मिल रही है।

मदरसों को बिहार के वक़्त में 29 नवंबर 1980 को जारी अहद की बुनियाद पर मंजूरी देने की बात कही गयी है।