‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ वाले आज पकौड़े की बात कर रहे हैं : शशि थरूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक हालिया इंटरव्यू में पकौड़ा बेचने को एक तरह का रोजगार बताए जाने पर अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तंज कसा है. थरूर ने सोमवार सुबह किए ट्वीट में पीएम मोदी के ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ वाली बात याद दिलाते हुए कहा कि वह (पीएम) आज पकौड़े की बात करने लगे हैं.

शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘जिसने कहा कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा, वह आज पकौड़े की बात करने लगे हैं. वह नहीं समझते कि लोग चाय और पकैड़े इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि रोजगार नहीं है.’

थरूर ने इसके साथ ही अपनी एक खबर भी ट्वीट की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह बीजेपी सरकार का आखिरी बजट होगा और इसलिए वह टैक्स में छूट या निवेश के लिए कुछ प्रोत्साहन के जरिए राजनीतिक संदेश देने की कोशिश करेगी. इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर पकौड़े बेचना जॉब है, तो भीख मांगने को भी रोजगार के विकल्प के रूप में देखा जाना चाहिए.

कर्नाटक के केएफई नामक एक मंच से जुड़े युवाओं के एक समूह ने भी शनिवार को भाजपा के कार्यालय के सामने एक पकोड़ा स्टॉल की स्थापना की। वे नीले रंग में कपड़े पहने थे जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
केएफई के सदस्यों ने इसे “अभिमानी” कथन के रूप में वर्णित किया आंदोलन के संयोजक मुथुराज ने कहा कि मोदी ने “सड़क विक्रेताओं के रूप में जीवन जीने वाले लोगों का मजाक” बना दिया है। रोजगार सृजन की मांग करते हुए, संगठन के सदस्यों ने कहा कि वे 4 फरवरी को शहर में अपनी यात्रा के दौरान मोदी से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं और उन्हें उनके “युवा घोषणा पत्र” पेश केरेंगे, जिसमें एक मांग रोजगार सृजन भी है। राज्य विधानसभा चुनावों में चल रहे कर्नाटक में संगठन ‘नो जॉब, नो वोट’ अभियान चला रहा है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कोई आदमी पकौड़े बेचकर शाम को 200 रुपये घर लेकर जाता है, तो उसे रोजगार माना जाएगा या नहीं. पीएम के इस बयान की विरोधियों ने आलोचना भी की.