न राशन है, न राशन कार्ड

कुछ समय पहले आई खबर के अनुसार देश में राशन की दुकानें जल्द ऑनलाइन हो जाएगी। इसके अलावा दालों की कालाबाजारी और जमाखोरी पर अंकुश के प्रयास के तहत केंद्र सरकार जल्द ही डाकघरों के जरिये दलहन के वितरण का काम शुरु करेगी। यह सुचना खाद्ध एंव सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने दी।
उन्होनें कहा की पूरे देश में डाकघरों का जाल फैला है। और सरकारी दरों पर दलहनों की बिक्री करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। सरकार ने आधार कार्ड को राशन कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया शुरु की है। और अबतक 69 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उपभोक्ता मंचो को सुदृढ़ किया जा रहा है। ताकि उपभक्ताओं की शिकायतों का समाधान तत्काल किया जा सके।
एक ओर सरकार द्वारा राशन कार्ड के उपभोक्ताओं को सुविधा देने के लिए आधुनिक कदम उठाए जा रहे हैं तो वही दूसरी ओर सीतामढ़ी से लगभग 31 किलोमीटर दूर पुपरी प्रखंड भिट्ठा धरमपूर पंचायत के कुशैल गांव की आधी से ज्यादा आबादी राशन कार्ड न होने के कारण जबकि आधी आबादी राशन न मिलने के कारण परेशान है।
इस परेशानी के बारे में सुरेखा देवी कहती हैं “मेरे पास राशन कार्ड तो है पर जब राशन लेने दुकान पर जाती हुँ तो डिलर रमेश चावल और गेंहुँ कम करके देता है और मिट्टी का तेल भी सबके हिस्से से 250 ग्राम काट लेता हैं। क्या आप लोग उसे कुछ कहते नही? पूछने पर सुरेखा देवी ने कहा “ हम जब भी पूछते हैं तो कहता है कि इतनी दूर से लाने में मेरा भी तो कुछ खर्चा होता है तो वो कहां से भरेगा।“
दूसरी महिला राम देवी महतो ने बताया कि “उनके दोनो बेटे दिनेश महतो और सोने महतो को राशन तो मिल जाता है पर मिट्टी का तेल नही मिलता। हर बार मांगते है लेकिन डीलर देने से साफ इंकार कर देता है। ज्यादा नही बोलते कि क्या पता जो मिल रहा है अगर वो भी न मिला तो हम गरीब क्या करेंगें।“
कुशैल गांव के वार्ड नंबर 14 में रहने वाले 70 वर्षीय वृद्ध लक्षमण राय ने बताया कि “उनको न तो राशन मिलता है और न ही मिट्टी तेल। इस कारण घर मे बहुत परेशानी होती है लेकिन कहां शिकायत करें मालुम नही”।

40 वर्षीय सतरोहन महतो कहते हैं “लंबे समय से हमे राशन नही मिला और न ही तेल मिला है। डिलर कहता है कि जब मेरे पास ही अभी राशन नही आया तो मैं कहां से दूँ”।
एक अन्य महिला विनिता देवी जिनके पति राज मिस्त्री का काम करते हैं कहती हैं  “मैं राशन कैसें लूँ मेरे पास तो राशन कार्ड ही नही है”। क्यूँ क्या आप ने राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन नही दिया था?  इस सवाल के जवाब मे विनिता देवी ने बताया “ दो साल हो गए दफ्तर में आवेदन जमा कराए हुए लेकिन राशन कार्ड सिर्फ सास का बनकर आया है। परिवार मे कुल 8 सद्स्य हैं लेकिन बाकी का राशन कार्ड अबतक नही आया तो राशन लेने कैसें जाउँ”।
लाजवती देवी कहती हैं “राशन कार्ड बनवाने के लिए पर्ची तो भरा है, बैंक मे खाता भी है लेकिन जब राशन लेने डीलर के पास गए तो बोलता है कि आप का नाम सूची में नही है तो आपको राशन कैसे दूँ । अच्छा तो आप ग्राहक सेवा में शिकायत क्यूँ नही की? पूछने पर लाजवती देवी ने बताया “हमको क्या पता कहां और किससे शिकायत करना है गांव मे भी कोई नही जानता तो किससे पूछे? तुम ही बताओं बिटिय़ा”।

सुनैना देवी, संजय ठाकुर, प्रदीप राय, गजाला देवी, राम प्यारी देवी इन सभी को सही से राशन नही मिलता जिसकी वजह से घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है।

अधिक जानाकारी के लिए जब गांव की मुखिया निर्मला देवी से संपर्क किया गया तो उन्होने बताया कि यहां का सारा काम मेरे पति राम नाथ यादव करते हैं। उन्हे यहाँ का उप मुखिया माना जाता है। बाकी कुछ भी हमको पता नही है।
आपको बतातें चलें की राशन और राशन कार्ड की ऐसी समस्या सिर्फ कुशैल गांव या कुछ क्षेत्रो की नही बल्कि कम या ज्यादा संपूर्ण बिहार की है। यही कारण है कि कुछ समय पहले इस समस्या को उजागर करने के उद्देशय से पटना स्थित “ग्राम सभा व मुहल्ला सभा अभियान समिति” ने “कब बनेगा राशन कार्ड”के विषय पर प्रेस सम्मेलन आयोजित किया और इस मुद्दे को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया था। इस सम्मेलन में बिहार की पूर्व सामाजिक कल्याण मंत्री  परवीन अमानुल्लाह ने भी भाग लेकर लोगो को बताया कि बिहार में खाद्ध सुरक्षा बिल के लागु होने के बाद करोड़ो लोग राशन कार्ड से वंचित हो गए हैं। और बिहार सरकार के सामने ये मांग रखी की पूरे
बिहार मे राशन कार्ड की स्थिति को जल्द से जल्द ठीक किया जाए।
ये अच्छी पहल है कि केंद्र स्तर से लेकर राज्य स्तर पर राशन कार्ड की स्थिति को न सिर्फ बिहार बल्कि देश में बेहतर करने की कोशिश की जा रही है लेकिन जबतक लोग खुद अपने अधिकारों के प्रति जागरुक नही होंगे और राशन कार्ड से संबधित शिकायतों को राशन कार्ड के पीछे दिए गए शिकायत नंबर पर बढ़-चढ़ कर दर्ज नही कराएंगें तबतक राशन कार्ड की स्थिति को बेहतर बनाना असंभव तो नही हां मुश्किल जरुर है।

 

दौलत खातून

पुपरी(बिहार)