पंचायत में महादलित खातून को मिली लाठी से पीटने की सजा

भरी पंचायत में एक महादलित खातून और उसके शौहर को 15 लाठी मारने की सजा सुनायी गयी। हालांकि शौहर को 15 हजार रुपये जुर्माना देने की शर्त पर छोड़ा गया। मामला जगदीशपुर थाना इलाक़े के रसलपुर गांव का है। गांव के ही एक नौजवान डब्ल्यू दास ने चार बच्चों की वालिदा महादलित खातून को गांव से भगाया। फिर दो माह तक जम्मू में रखने के बाद खातून को दुबारा गांव छोड़ दिया।

इस दौरान नौजवान ने खातून के साथ मारपीट भी की। खातून का कहना है कि डब्ल्यू ने उसे कुछ खिला दिया था। उसके बाद उसे होश नहीं था। फिर उसी हालत में उसे जम्मू ले जाया गया। खातून का कहना है कि दो महीने तक डब्ल्यू ने उसके साथ जबरन जिशमानी ताल्लुक भी बनाया। उसके साथ मारपीट भी की। फिर वापस लाकर छोड़ दिया।

सनीचर को डब्ल्यू के भाई रंजीत कुमार दास ने गांव में एक पंचायती बुला कर खुद को सजा के तौर पर खातून को15 लाठी मारी। यही नहीं, जिस लाठी का वार कम रहता उसकी गिनती भी नहीं की जाती थी।

जब खातून के शौहर को लाठी मारने की बारी आयी, तो उसने पंचों के हाथ-पैर पकड़ लिये। लेकिन, यह कह कर उसे छोड़ा गया कि जुर्माने के तौर पर उसे 15 हजार रुपये देने पड़ेंगे। खातून डर की वजह से दो दिन तक दर्द झेलते हुए कहीं नहीं गयी। लेकिन, पीर को इलाज के बहाने अपने शौहर के साथ थाने पहुंची। पुलिस को सारे मामले से अवगत कराया। इसके बाद पुलिस ने खातून को इलाज के लिए प्राइमरी सेहत सेंटर भेजा। वहां उसका इलाज किया जा रहा है।

खातून ने पुलिस को बताया कि तीन महीने पहले गांव के ही डब्ल्यू दास ने उसे कुछ खिला दिया था, जिसके बाद उसे कुछ भी होश नहीं रहा। उसके बाद डब्ल्यू उसे लेकर जम्मू पहुंच गया। दबाव पर घर आने के दौरान रास्ते भर डब्ल्यू उसके साथ जिस्मानी इस्तेहाल करता रहा। आखिर में जब भागलपुर पहुंचा, तो वहां भी छोड़ कर अपने भाई के साथ भाग गया। सके बाद उसने अपने घर में इसकी इत्तिला दी और वह दो दिनों तक भागलपुर में ही एक लॉज में रही। उसके बाद वह मायके चली गयी।

कुछ दिन रहने के बाद शौहर उसे लेकर वापस घर आये। फिर रंजीत ने गांव में एक पंचायत बुलायी जिसमें उसे व उसके शौहर को बुलाया और यह कहते हुए कि तुम मेरे भाई से क्यों बात करती हो, भरी पंचायत में ही दोनों मियां-बीवी सजा के तौर पर पंद्रह लाठी या लाठी के हिसाब से पंद्रह हजार का जुर्माना देने को कहा।