मुक्तसर: विधानसभा चुनाव को लेकर पंजाब में अभी सियासी सरगर्मियां जोड़ों पर है. अब सभी सियासी दल मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने की कवायद में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र की अगर बात करें तो बादल लांबी से चुनाव लड़ रहे हैं. जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह और ‘आप’ के नेता जरनैल सिंह से है. मुकाबला इस बार कांटे का लग रहा है, क्योंकि प्रकाश सिंह बादल के मुकाबले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी बड़े उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है.
वन इंडिया के मुताबिक, प्रकाश सिंह बादल के गांव की करें तो यहां एक बेहद चौंकाने वाली बात देखने को मिली है. प्रकाश सिंह बादल के गांव का नाम बादल है, जहां इस बार आम आदमी पार्टी के झंडे देखने को मिले हैं. बादल गांव, पंजाब के मालवा इलाके में आता है. ये इलाका देखने में वीआईपी अहसास कराता है. इस गांव में चार लेन की सड़क है. आधुनिक मल्टी-स्पोर्ट स्टेडियम, सिविल अस्पताल, वृद्धाश्रम, जगह-जगह पर पानी के नल, बच्चों के लिए इलाके में कई स्कूल हैं.
बादल गांव के ज्यादातर ग्रामीण दशकों से बादल परिवार के वफादार बताए जा रहे हैं. अकाली नेता तेजिंदर सिंह मिद्दूखेरा इस गांव के मुखिया हैं. बताया जा रहा है कि ये इलाका यानी लम्बी के लोग हमेशा से पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के समर्थक रहे हैं. लेकिन इस बार के चुनाव में कई घरों में आम आदमी पार्टी के झंडे नजर आ रहे हैं. इस मामले पर मिद्दुखेरा ने बताया कि भले ही आप के झंडे कुछ घरों में दिख रहे हों लेकिन गांव का वोट हमेशा से प्रकाश सिंह बादल को ही जाता रहा है. उन्होंने इलाके के लिए बहुत कुछ किया है. उनके किए गए विकास को सभी ने देखा है.
वहीँ इस बार कुछ युवाओं में बादल के रवैये को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. 12वीं पास सतपाल सिंह, जो अब 23 साल के हो चुके हैं, उन्होंने बताया कि मैंने कई बार नौकरी को लेकर बदल के गाँव के दौरा किया, लेकिन उनहोंने हमें कहा कि मेरे पिता एक श्रमिक हैं, मैं भी एक श्रमिक बनकर ही रह जाऊंगा।.आखिर कितनी पीढ़ियां श्रमिक बनकर रहेगीं? हमें क्या मिल रहा जो हम उन्हें वोट दें?
वहीँ दूसरी ओर एक और युवा लवली सिंह का कहना है कि हमें उनकी उनकी आटा-दाल की जरुरत नहीं है. मैं इस बार वोट नहीं कर सकूंगा लेकिन मैं अपने परिवार को आम आदमी पार्टी को वोट करने के लिए कहूंगा