पंजाब पुलिस अंग्रेज जैसा बर्ताव कर रही है

नई दिल्ली, 12 मार्च, पंजाब में पुलिस की करतूत पर नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बराबरी अंग्रेज तानाशाहों से की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निहत्थे लोगों पर जलियांवाला बाग में ब्रिटिश पुलिस ने गोलियां चलाई थीं। उसके निशान आज भी मौजूद हैं। आजाद हिंदुस्तान में पंजाब पुलिस की कार्रवाई भी कुछ ऐसी ही है।

अदालत ने हाल ही में पंजाब के तरन तारन में एक लड़की की पिटाई और बिहार के पटना में टीचरों पर पुलिस लाठीचार्ज के वाकिया पर कड़ा रुख अपनाते हुए यह तब्सिरा किया ।

अपेक्स कोर्ट ने पुलिस सुधार पर दिए गए हिदायतों को अमल में लाने के मसले पर मरकज़ और रियासती हुकूमतों से जबाव तलब किया। साथ ही मरकज़ी होम सेक्रेटरी समेत सभी रियासतों के चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी और डीजीपीएस (Directors General of Police) को नोटिस जारी किया।

जस्टिस जीएस सिंघवी की सदारत वाली बेंच ने पंजाब हुकूमत की ओर से मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराए जाने की दलील पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि रियासत में पुलिस वैसी ही कार्रवाई कर रही है, जैसी अंग्रेजों के जमाने में होती थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निहत्थे लोगों पर मुबय्यना तौर पर खराब रवैया अपनाने के मामले में मरकज़ और सभी रियासती हुकूमत सात दिन के अंदर हलफनामा दाखिल करें।

बेंच ने खास तौर पर पंजाब के DGP को मजिस्ट्रेट जांच कर निजी तौर पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। दोनों रियासतों की दलीलों को नकारते हुए अदालत ने यह भी कहा कि हम जानते हैं कि जिन पुलिस वालों को मुअत्तल किया गया है, उनकी बहाली भी होगी और शायद उन्हें बाद में बहादुरी के लिए इनाम भी मिले। यह हमारा तजुर्बा है।

सुप्रीम कोर्ट ने तरनतारन में पुलिस बर्बरता को झेलने वाली खातून को बहादुर बताते हुए कहा की ख्वातीन के साथ हर हाल में पुलिस को इज्जत से पेश आना चाहिए। यहां तक कि उन्हें पीछे धकेले जाना भी कुबूल करने लायक नहीं है।

बेंच ने पंजाब हुकूमत से पूछा कि क्या खातून दहशतगर्द थी, जिसके खिलाफ पुलिस ने ऐसा रवैया अपनाया।

तरनतारन के वाकिया में चार मार्च को एक ट्रक ड्राइवर और उसके साथियों ने एक लड़की के साथ खराब सुलूक किया, लेकिन पुलिस के पास शिकायत करने पहुंची इस लड़की की पुलिसवालों ने बुरी तरह से पिटाई कर डाली।

दूसरे वाकिया में पांच मार्च को बिहार पुलिस ने पटना में विधानसभा के बाहर एहतिजाज (regular job and demand equal pay ) कर रहे टीचरों पर लाठीचार्ज करने के बाद आंसू गैस के गोले दागे थे।