पंजाब में किसी भी धर्म के धार्मिक ग्रंथों का अपमान करने पर होगी उम्रकैद की सजा

पंजाब में धार्मिक ग्रंथों का अपमान करने वाले को अब उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान किया गया है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आने के बाद अब राज्य सरकार ने इस दिशा में सख्त रुख अपनाया है। इसके लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार ने धार्मिक ग्रंथों का अपमान करने वाले दोषियों को उम्रकैद की सजा दिलाने के लिए सीआरपीसी और आईपीसी में संशोधन करने को मंजूरी दे दी है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए इस फैसले के बाद सरकार को उम्मीद है कि बिल पारित होने के बाद राज्य में ऐसी घटनाओं को रोकने पर सांप्रदायिक सद्भावना बरकरार रखने में मदद मिल सकेगी। कैबिनेट से पास इस बिल को अब मंजूरी के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

इस बारे में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट में आईपीसी में धारा 295 -एए को शामिल करने की मंजूरी दे दी है, जिसके तहत जो भी लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादों से अगर कोई भी पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, श्रीमद्भगवद गीता, पवित्र कुरान और पवित्र बाइबल के अपमान का दोषी पाया जाता है, तो उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जाएगी।

अनुसूचित जातियों के कर्मियों के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन
धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर सख्त सजा के प्रावधान वाले बिल के अलावा अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा के लिए कैबिनेट ने एससी कैटिगरी को प्रमोशन में ग्रुप-ए और बी के लिए 14 प्रतिशत और ग्रुप-सी और डी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले बिल को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस बिल के पास हो जाने से भारतीय संविधान की धारा 16 (4) (ए) के मुताबिक पदोन्नतियों में आरक्षण का लाभ 20 फरवरी, 2018 से अमल में लाने के लिए रास्ता साफ हो जाएगा।