पंजाब में केजरीवाल की सक्रियता से कांग्रेस में खलबली

नई दिल्ली। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की बढ़ती सियासी पैठ को लेकर कांग्रेस में बेचैनी बढ़ने लगी है। राज्य के चुनावी समीकरणों का आकलन कर रही कांग्रेस अंदरखाने स्पष्ट रूप से मान रही है कि पंजाब की सत्ता में वापसी की राह में अकाली-भाजपा नहीं केजरीवाल सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं। पार्टी का मानना है कि केजरीवाल को 49 दिन की सरकार बनाने के लिए समर्थन देना कांग्रेस की बड़ी राजनीतिक भूल थी। पंजाब में उसे इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ताजा पंजाब दौरे में उनकी सभाओं में जुटी भीड़ के बाद कांग्रेस को अपनी इस गलती का अहसास ज्यादा हो रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष रणनीतिकारों को भी 2013 के चुनाव के बाद केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की भूल का अहसास हो चुका है। पार्टी रणनीतिकारों ने तब केवल भाजपा को दिल्ली की सत्ता से बाहर रखने के लिए केजरीवाल को समर्थन यह सोच कर दिया था कि उनकी राजनीति ज्यादा लंबी नहीं चल पाएगी। मगर केजरीवाल ने उल्टे कांग्रेस को ऐसी मात दी कि दिल्ली में तो उसका सफाया ही हो गया। अब पंजाब में सरकार बनाने की उसकी राह में आप बड़ी बाधा के रूप में सामने है।