पंजाब के पहले नशा छुड़ाओ केंद्र ‘नवकिरण’ में भर्ती दो युवतियों ने एक डीएसपी व एसएचओ पर उन्हें नशे देकर रेप करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद सूबे की सियासत में भूचाल आ गया है। वहीं खुद स्वास्थ्य मंत्री व विधायक ने शिकायत के बाद कार्रवाई की बात कही गई है। जबकि डीएसपी और एसएचओ ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर कपूरथला सिविल अस्पताल में बने नवकिरण केंद्र के उद्घाटन से पहले केंद्र में भर्ती एक 25 वर्षीय युवती ने बताया कि वह पांच साल से नशा कर रही है और लुधियाना से कपूरथला में स्थापित इस नशा छुड़ाओ केंद्र में नशा छोड़ने के लिए आई है।
उसने आरोप लगाया कि उसे नशे की गर्त में धकेलने वाला पंजाब पुलिस का डीएसपी दलजीत सिंह ढिल्लों हैं, जो पहले तरनतारन, अमृतसर के बाद कपूरथला में तैनात रह चुका है। डीएसपी ने उससे दोस्ती करके उसे नशे की आदत डाली और उसका कई बार रेप किया। वह अब ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है।
उसने डीएसपी को खुद भी नशेड़ी बताया है। वहीं दूसरी युवती का कहना है कि उसे नशेड़ी बनाने वाला जालंधर में तैनात एसएचओ बलबीर सिंह है। उसे नशा देने की शुरुआत हेड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह ने की और बाद में एसएचओ ने। ये उसे नशा देते रहे और उसका शारीरिक शोषण करते रहे। जिसकी शिकायत भी उसने उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन कार्रवाई सिर्फ हेड कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह पर करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया। जबकि इंस्पेक्टर बलबीर सिंह अभी भी जालंधर में तैनात है।
एक अन्य युवती ने बताया कि वह 15 साल की उम्र में स्कूल से गायब होकर नशा करने जाती थी, उसके ग्रुप में 10 लड़कियां और दो लड़के थे, सभी नशा करते थे। पहले नशा 1500 रुपये में 1 ग्राम और अब 4000 रुपये में एक ग्राम मिलता है। उसने खुलासा किया स्कूल के बाहर नशा आम ही बिकता हैं और आज भी आसानी से मिल जाता है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने केंद्र के उद्घाटन के बाद ऐसे मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञता जताई कि उनके सामने किसी युवती ने ऐसे कोई आरोप नहीं लगाए हैं।
हालांकि खुद मंत्री उसी युवती से मिलकर बात करके आए, जिसने डीएसपी पर ये संगीन आरोप जड़े हैं। विधायक राणा गुरजीत सिंह रक्षात्मक अंदाज में बोले कि उन्हें लिखित में शिकायत दें तो वह कार्रवाई करेंगे।
आरोपों के घेरे में आए फिरोजपुर में तैनात डीएसपी दलजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह सरासर गलत है। उन्हें साजिशन फंसाया जा रहा है। युवती की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्हें तो यह समझ नहीं आ रहा है कि युवती ऐसे झूठे आरोप क्यों लगा रही है, इसके पीछे उसकी क्या मंशा है।
जालंधर के थाना नई बारादारी के एसएचओ बलबीर सिंह ने युवती के आरोपों को सिरे से झुठलाते हुए कहा कि इस युवती के उनके रीडर रहे हेड-कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह से मेल जोल था। बाद में इन लोगों ने शादी कर ली और कुछ समय बाद इनका वैवाहिक विवाद शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि यह युवती 2004 से नशे की आदी है। इसके परिवार की पृष्ठभूमि भी आपराधिक है। जिसका खुलासा जांच में हो जाएगा।
उन्होंने तो कभी इससे कोई बात नहीं की और न ही इससे कोई वास्ता है। हां, जब इनका विवाद शुरू हुआ तो इसकी जांच उनके पास थी। जिसमें इसने इंद्रजीत की मदद करने के आरोप जरूर लगाए थे, लेकिन यह आरोप पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद हैं।