लुधियाना, 18 फ़रवरी: पंजाब में मुसलमानों ने एक शरीयत पंचायत का क़ियाम अमल में लाया है। ये पंचायत शादी,तलाक़ और मुस्लिम तबक़े के इख़तिलाफ़ात को दूर करने जैसे मसाइल पर फ़ैसला करेगी। आज यहां मुनाक़िदा एक मुस्लिम कान्फ़्रेंस में मुसलमानों ने अपनी नौईयत की पहली पंचायत क़ायम की है जिस को शरीयत पंचायत का नाम दिया गया है।
पंजाब स्टेट वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन इज़हार आलम ने ये कान्फ़्रेंस क़ायम की थी। उनके हमराह दीगर ने मुसलमानों की बहबूद के लिए इक़दामात किए हैं। मुस्लिम मुआशरे के शरई मसाइल को रियासत में मुसलमानों की बहबूद के इक़दामात के बाद शरई पंचायत के ज़रीये हल किया जाएगा। इज़हार आलम ने दावे किया कि पंजाब में आज़ादी के बाद पहली मर्तबा मुसलमानों का ये पहला मुशतर्का प्लेटफार्म होगा।
ये शरई पंचायत वक़्फ़ जायदादों पर नाजायज़ क़ब्ज़ों और दीगर मसाइल से निपटेगी। कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में मुसलमानों के लिए तदफ़ीन का मसला मुश्किल होता जा रहा है। क़ब्रिस्तानों की कमी की वजह से मुसलमानों को अपने मरहूमीन की तदफ़ीन के लिए दूर दराज़ इलाक़ों का सफ़र करना पड़ रहा है, तक़रीबन 30 किलो मीटर दूर जाकर तदफ़ीन अमल में लाई जा रही है।
बाअज़ औक़ात मय्यत को दो ता तीन दिन तक रख कर सिर्फ़ ज़मीन की तलाश की जा रही है। क़रीबी क़ब्रिस्तानों में ज़मीन में मुश्किल होगया है। मवाज़आत में भी मुस्लिम आबादी के लिए क़ब्रिस्तान बहुत बड़ा मसला बने हुए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने चीफ़ मिनिस्टर पंजाब प्रकाश सिंह बादल से भी बातचीत की है।