पंडित करमवीर को अपने खून से क़ुरआन और गीता लिखने का जुनून अब तक 555 पन्ने मुकम्मिल

अजमेर 26 नवंबर: राजस्थान में पुष्कर में आए हरियाणा में रोहतक जिले के पंडित करमवीर को अपने खून से क़ुरआन और गीता लिखने का जुनून की हद तक शौक है और उन्होंने अब तक 555 पन्ने लिख लिए है।

करमवीर ने बताया कि पिछले सात वर्षों में अपने खून से गीता के 700 शलोक हिंदी से संस्कृति में तर्जुमा करके 186 पृष्ठों और क़ुरआन के 369 पन्ने लिख चुके हैं।

रोज़मरह की जीवन का हिस्सा बन चुके इस जुनून के बारे में उन्होंने बताया कि 26 साल की उम्र में वृन्दावन यात्रा के दौरान उन्हें संत। महनतों। पंडितों के साथ रहने का मौका मिला और वहीं से उन्हें खून से लिखने का हौसला मला उन्होंने बताया कि 2005 में गीता का एक पृष्ठ उन्होंने अपनी उंगली के खून से लिखा था।