पकड़े गए मुस्लिम नौजवान बेगुनाह साबित हुए तो पकड़ने वाले को गले में फंदा पड़ना चाहिए- अरसद मदनी

दहशतगर्दी के इल्जाम में मुस्लिम नौजवानों की गिरफ्तारी को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने जांच एजेंसियों पर बड़ा हमला किया है।

मदनी का कहना है कि अगर कोई देश विरोधी है तो उसे जो चाहे सजा दे दो, लेकिन अगर वह कोर्ट से बाइज्जत बरी होते हैं तो उनको पकड़ने वालों के गले में फंदा पड़ना चाहिए।

शुक्रवार को अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता में मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए मुस्लिम नौजवान दोषी हैं या नहीं यह कोर्ट फैसला करेगी। वह बताएगी कि जो सबूत पेश किए गए हैं उनकी अहमियत क्या है।

मने बार-बार देखा कि इस तरह के मामले में एनआईए और पुलिस की तरफ से जो सबूत पेश किए जाते हैं उनकी कोर्ट में कोई अहमियत नहीं होती और सही पैरवी होने के चलते गिरफ्तार किए गए लोग लोअर कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनआईए कोर्ट से बाइज्जत बरी कर दिए जाते हैं। मदनी ने मीडिया पर भी सवाल खड़ा किया।

उन्होंने कहा कि मीडिया उनके बरी होने को नहीं दिखाता, जबकि उनके पकड़े जाने पर यह साबित किया जाता है कि यह मास्टर माइंड था, यह प्राइम मिनिस्टर का कत्ल करना चाहता था और मुल्क में धमाके करना चाहता था।

मौलाना मदनी ने कहा कि हम इसको धड़ल्ले से कहते हैं कि अगर कोई वास्तव में देश विरोधी है तो वह सजा का हकदार है उसे जो चाहे सजा दे दो, लेकिन अगर कोई देश विरोधी नहीं है और पुलिस, मीडिया या खुफिया एजेंसियां उनको गलत लाकर खड़ा कर देती है और कोर्ट में यह साबित हो जाता है कि यह केस गलत है तो इस सूरत में जो इस तरह का जुर्म करने वाले हैं उनका जुर्म भी कोई कम नहीं है।

जिन्होंने उन्हें असली गुनहगार साबित करने की कोशिश कि है उनके गले में भी फंदा पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की परेशानियां बढ़ रही हैं, लेकिन जो लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं उनका कुछ नहीं हो रहा है।

साभार- ‘अमर उजाला’