नई दिल्ली। 2 जनवरी : वज़ीर-ए-आज़म की तरफ से मुक़र्रर करदा रंगा राजन कमेटी ने पकवान गैस की क़ीमतों को आलमी सतह पर औसतन बनाने की सिफ़ारिश की है। अंदरून-ए-मुल्क पैदा किए जाने वाली क़ुदरती गैस की क़ीमत को माक़ूल बनाने की तजावीज़ के साथ उस की क़ीमत आलमी सतह पर औसतन होनी चाहीए और मौजूदा मार्किट दरयाफ़त के मेकानिज़म के बावजूद पकवान गैस की बरामदात की क़ीमत और आलमी क़ीमतें मुसावी नहीं हैं, इस लिए उन्हें औसत बनाना ज़रूरी है।
पय्नल ने अपनी रिपोर्ट में जिसे आज बरसर-ए-आम लाया गया, तजवीज़ रखी है कि अमेरीका, यूरोप और जापान के मार्किटों की क़ीमतों की औसत का अंदाज़ा किया जाये और इस के बाद बरामदात की क़ीमत पर आने वाले अख़राजात का जायज़ा लिया जाये, जिस के बाद ही अंदरून-ए-मुल्क गैस की फ़रोख़त क़ीमत का ताय्युन किया जाये।
सनअती ज़राए ने ताहम इन सिफ़ारिशात पर शुबहात ज़ाहिर करते हुए कहा कि इन सिफ़ारिशात को क़बूल करने से कंपनीयों के बीच मुआहिदात में फ़र्क़ पड़ जाएगा, फ़िलहाल पैदावारी हिस्सेदार मुआहिदे में अहम मार्किटों के ज़रीये जो बोलियां दी जाती हैं, इसी नौईयत से क़ीमतों का ताय्युन किया जाता है।
हुकूमत ने पहले ही अवामी शोबे की कंपनीयों में क़ीमतों के ताय्युन का ज़िम्मा लिया है।