इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) ने 27 अक्तूबर को हुंकार रैली के दौरान पटना में हुए सीरियल बम धमाके को लेकर नेपाल में मुश्तरका तौर से बैठक की थी। इसे इंडियन मुजाहिद्दीन के दहशतगर्दों ने मुनक्कीद किया था।
इस बैठक में सिमी से जुड़े दशशतगर्द भी शामिल हुए थे। यह जानकारी पटना सीरियल धमाके की जांच में जुटी खुफिया एजेंसी और पटना पुलिस को मिली है। बताया जाता है कि नेपाल में खुफिया तौर से मुनक्कीद इस बैठक में गुजरात के वज़ीरे आला नरेंद्र मोदी पर हमला करने की मंसूबा बनायी गयी थी। इसमें तहसीन उर्फ मोनू, हैदर और उमर सिद्दीकी ने हिस्सा लिया था। उमर सिद्दीकी को रायपुर से पकड़ा गया था।
नेपाल में हुई बैठक के बाद ही रांची में इस हमले की हत्मी स्ट्रैटजी बनायी गयी थी। वहां से रेकी के लिए आइएम का दहशतगर्द अरशद उर्फ ताबिश नेयाज पटना आया था। अरशद मोतिहारी के चकिया ब्लॉक के अलौली गांव का रहने वाला है। इसके पकड़े जाने के बाद इस बात का खुलासा हुआ था। रेकी के लिए वह आठ अक्तूबर को पटना पहुंचा और 10 अक्तूबर तक पीरबहोर थाना इलाक़े में रहा। 11 अक्तूबर को वहां से जाने के बाद उसने मोनू उर्फ तहसीन और हैदर को यहां की सारी हालात की जानकारी दी। इसके बाद हुंकार रैली के दिन बम धमाके की वाकिया को अंजाम दिया गया। बम धमाके की वाकिया को लेकर एनआइए के साथ पटना पुलिस भी जांच कर रही है। वाकिया होने के बाद रेल थाना पटना और गांधी मैदान में दर्ज मामलों को एनआइए के हवाले कर दिया गया था। लेकिन बाद में गांधी मैदान थाने में थाना इंचार्ज राजबिंदु प्रसाद के बयान की बुनियाद पर इंडियन मुजाहिद्दीन के तहसीन उर्फ मोनू और हैदर के खिलाफ नामजद सनाह दर्ज की गई।