पटना धमाकों के मुश्तबा दहश्तगर्द की लाश का कोईपुरसाने हॉल नहीं

टना बम धमाकों के मुश्तबा मुल्ज़िम एन अलाअनसारी उर्फ़ तारिक़ की मौत के तीन दिन गुज़र जाने के बावजूद अरकाने ख़ानदान ने लाश का दावा करते हुए इसे हासिल करने से इनकार करदिया है।

चुनांचे तारिक़ की तदफ़ीन हनूज़ अमल में नहीं लाई जा सकी। पटना के सुपरिन्टेन्डेन्ट पुलिस (रेलवे) ओपेंदर कुमार सिंह ने कहा कि तारिक़ की लाश हासिल करने के लिए अब तक उनके किसी फ़र्द ख़ानदान ने दावा नहीं किया और ना हम से रुजू हुए हैं।

पटना में 27 अक्टूबर को 7 बम धमाके हुए जिन में 6 अफ़राद हलाक और तकरीबन 100 ज़ख़मी होगए थे। बी जे पी के वज़ारत‍ ए‍ अज़मा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के गांधी मैदान पर ख़िताब से पहले ये धमाके हुए थे।

एक धमाका पटना रेलवे स्टेशन पर भी हुआ था। रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके में ही एन अलाअनसारी बुरी तरह ज़ख़मी होगया था और जुमा को इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ़ मेडीकल साइंसिस में उस की मौत वाक़्य होगई थी।

एन अलाअनसारी की लाश पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मुरदा ख़ाना में रखी हुई है। गर्वनमेंट रेलवे पुलिस के ओहदेदारों को सकेवरेटी वजूहात की बिना मुरदा ख़ाने के बाहर तैनात किया गया है।

एन अलाअनसारी के वालिद 70 साला अता उल्लाह अंसारी जो रांची में धरवा मुक़ाम के साकन हैं, बरसरे आम अपने बेटे की लाश को हासिल ना करने का एलान किया है।

उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा दहश्तगर्द सरगर्मी में शामिल् होने और बुरी तरह ज़ख़मी होने की इत्तेला के बाद में ये एलान करता हूँ कि वो मेरा बेटा नहीं है।

उन्होंने कहा कि अब उसकी लाश पर दावे का सवाल ही पैदा नहीं होता। अता ल्लाह अंसारी के मुताबिक़ इस्लाम में दहश्तगर्दी के लिए कोई जगह नहीं है।

चूँकि मेरे बेटे ने इस्लामी तालीमात की ख़िलाफ़वरज़ी की है, लिहाज़ा वो मेरा बेटा हो ही नहीं सकता। ओपेंदर कुमार सिंह ने कहा कि रेलवे पुलिस 72 घंटे तक इस लाश को मुरदा ख़ाना में रखेगी और फिर इस के मज़हब के मुताबिक़ तदफ़ीन अमल में लाई जाएगी। अगर कोई ख़ानदान का फ़र्द उसकी लाश हासिल करने के लिए रुजू हो तो हम उसे हवाले करदेंगे।