पटना में धमाकों के बाद शिंदे एक फ़िल्मी तक़रीब में शरीक थे

सी पी आई क़ाइद अतुल इंजन ने आज मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे को ज़बर्दस्त तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि जिस वक़्त पटना में सिलसिला वार बम धमाके होरहे थे उस वक़्त वो मुंबई में एक म्यूज़िक लॉंचिंग प्रोग्राम से लुत्फ़ अंदोज़ होरहे थे।

अतुल इंजन ने सिर्फ़ शिंदे को ही नहीं बल्कि हुक्मराँ कांग्रेस पार्टी को भी ये कह कर तन्क़ीद का निशाना बनाया कि पार्टी के तमाम क़ाइदीन इसी फ़ित्रत के हैं। वो क़ौमी मुफ़ाद में कोई दिलचस्पी नहीं रखते। उन्हें सिर्फ़ ऐश-ओ-इशरत की महफ़िलों में शिरकत से दिलचस्पी है। मुल्क के किसी गोशे में अगर कोई हादिसा होता है और उस में कुछ लोग मारे जाते हैं तो इस में भला वज़ीर-ए-दाख़िला किया करसकते हैं?

ये छोड़ीए, ख़ुद हुकूमत भी किया करसकती है। शिंदे अब इज़हार-ए-ख़्याल के मौक़िफ़ में भी नहीं हैं। वो बूढ़े होचुके हैं और एक जुमला अदा करने में भी काफ़ी वक़्त लेते हैं। याद रहे कि शिंदे कल शाम कंगना राणावत की आने वाली फ़िल्म रुजू की म्यूज़िक लॉंचिंग के सिलसिला में मुंबई में मौजूद थे।

चलिए ये तक़रीब अगर बम धमाकों से क़बल हुई होती तो कोई मज़ाइक़ा नहीं था। अफ़सोस की बात तो ये है कि ये तक़रीब बम धमाकों के कई घंटों बाद हुई थी जब तक धमाकों के बारे में हिंदुस्तान तो क्या दुनिया के हर गोशे में ख़बर फैल गई थी। हुंकार रैली से बी जे पी के वज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने ख़िताब किया था।

धमाकों में छः अफ़राद हलाक हुए हैं और 83 के ज़ख़मी होने की इत्तिला है। इस सिलसिला में चार अफ़राद को पटना से और तीन अफ़राद को रांची से गिरफ़्तार किया गया। वज़ीर-ए-आला बिहार नीतीश कुमार जिन्होंने बी जे पी के साथ अपनी पार्टी की ताईद से माह अगस्त में दस्तबर्दारी इख्तियार करली थी, ने कहा कि बम धमाकों पर कोई सियासत नहीं की जाएगी।

उन्होंने महलूकीन के अरकान ख़ानदान केलिए फ़ी ख़ानदान 5 लाख रुपये की उबूरी इमदाद का ऐलान किया जबकि ज़ख़मी होने वालों को आला तरीन तिब्बी इमदाद मुफ़्त फ़राहम की जाएगी। उन्होंने कहा कि धमाके सेक्योरिटी कोताही की वजह से नहीं हुए। अलबत्ता ये हमारे लिए एक बड़े चैलेंज से कम नहीं।