बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 12 की चौथी मंजिल के फ्लैट नंबर 21 में पीर की शाम करीब 7:15 बजे बम ब्लास्ट होने से इलाके में भगदड़ मच गयी। इस दौरान फ्लैट से दो नौजवान नीचे उतरे और बाइक से फरार हो गये, जबकि दो दीगर नौजवान छत के रास्ते कूद कर भाग गये। धमाके की इत्तिला मिलते ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा। इस दौरान फ्लैट से दो टाइमर बम व फ्लैट के नीचे खड़ी एक बाइक बरामद की गयी है।
बरामद किये गये बमों में लोटस कंपनी की घड़ी लगी हुई थी। पुलिस के मुताबिक, पटना के गांधी मैदान और बोधगया में हुए सीरियल धमाके में भी इसी कंपनी की घड़ी लगे बमों का इस्तेमाल किया गया था। पहली नज़र में यह माना जा रहा है कि यहां बम बनाया जा रहा था, इस दरमियान धमाका हो गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पूरी कॉलोनी को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वाकिया में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
अगमकुआं थाने की हाउसिंग कॉलोनी सेक्टर तीन के 21 नंबर फ्लैट में जब धमाका हुआ, तो दीगर फ्लैट से लोग तेजी से बाहर निकल गये। लोगों ने देखा कि फ्लैट से तेज धुआं निकल रहा है। इसके बाद दो नौजवान आनन-फानन में फ्लैट से नीचे उतरे और नीचे खड़ी बाइक लेकर फरार हो गये। कुछ लोगों का कहना है कि दो दीगर नौजवान भी वहां मौजूद थे, जो छत के रास्ते ही कूद कर भाग गये। पुलिस ने फ्लैट के नीचे से जो पल्सर बाइक बरामद की है, वह मुजरिमों की ही बतायी जा रही है। बाइक के नेम प्लेट पर चंदन-कुंदन लिखा हुआ है।
पुलिस बाइक के बारे में पड़ताल कर रही है। वहीं, वाकिया के बाद मौके पर पहुंचे डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा, एसएसपी जितेंद्र राणा समेत दीगर पुलिस ओहदेदारों ने मौका मुआयना किया और बम एंटी दस्ता बुलाया। फ्लैट की तलाशी के दौरान वहां से दो जिंदा टाइमर बम मिले। दोनों बम को डिस्पोज कर दिया गया है। पुलिस ओहदेदारों का कहना है कि पहली नज़र से ऐसा लगता है कि यहां कुछ मुजरिमों की तरफ से बम बनाया जा रहा था। इस दौरान धमाका हो गया है। इत्तिला मिलते ही जाये हादसा पर एफएसएल की टीम पहुंची व जांच के लिए नमूने लिये हैं। वहीं, स्पेशल टीम भी मामले की छानबीन कर करी है। मौके पर भारी पुलिस फोर्स व आरएएफ के जवान तैनात कर दिये गये हैं। पुलिस के ओहदेदार वहां कैंप कर रहे हैं। आसपास के इलाकों में छानबीन की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि बरामद बमों में उसी लोटस कंपनी की घड़ी लगी हुई थी, जिसकी घड़ी गांधी मैदान व बोधगया धमाके में भी इस्तेमाल की गयी थी