पटियाला हाउस में हुई हाथापाई ‘लोकतंत्र पर हमला’: फारूक अब्दुल्ला

imageश्रीनगर : जुमेरात के रोज़ 15 फरवरी को नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पटियाला हाउस अदालत के बाहर हुई हाथापाई की निंदा करते हुए कहा कि यह ‘लोकतंत्र पर हमला’ है उनका कहना है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति को इस मामले को संभालना चाहिए था |

अब्दुल्ला ने आईएएनएस को बताया कि हर किसी को अदालत में जाने का अधिकार है और जो भी मुद्दा है उस पर अदालत को फ़ैसला लेना है लेकिन पटियाला हाउस अदालत परिसर में वकीलों के द्वारा लोगों से मारपीट और हाथापाई करना लोकतंत्र पर हमला है |

उन्होंने कहा कि ये यूनिवर्सिटी का मामला था वीसी को इसे ख़ुद संभालना चाहिए थे लेकिन पुलिस इसमें शामिल हो गयी है अब ये बड़ा मुद्दा बन गया है छात्रो को गिरफ़्तार किया जा रहा है कुछ की खोजबीन जारी है लोगों को पीटा जा रहा है |

अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार को इस मामले पर कदम उठाने चाहिए, और आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चार्जशीट दाख़िल करनी चाहिए |

इससे पहले, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पत्रकारों पर हुए हमले की निंदा की।

बीसीआई ने भी इस संबंध में पटियाला हाउस कोर्ट बार काउंसिल से रिपोर्ट मांगी।

बुध को भी वकील विक्रम सिंह चौहान के नेतृत्व में वकीलों के एक समूह ने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पत्रकारों और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हमला किया था |

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी को अदालत परिसर में उचित और पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित का निर्देश दिया था लेकिन पत्रकारों और कन्हैया पर हमला करके इस आदेश की खुले तौर पर अवज्ञा की गयी |

कन्हैया को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है और एक अलग सेल में रखा गया है । चिंतित जेल अधिकारियों ने जेल परिसर के अंदर एक उच्च सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया है और कन्हैया की सुरक्षा के लिए एक चौबीसों घंटे नजर रख रहे हैं।

कन्हैया को जेएनयू में पिछले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था उन पर जेएनयू में हुए एक इवेंट में कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने के संबंध में राजद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है, कल अदालत में दूसरी बार पेश किये जाने के बाद कन्हैया को 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है ।