बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने मंगल के रोज़ वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह की मौजूदगी में सरदार वल्लभ भाई पटेल के मुल्क के पहले पीएम न बनने पर अफसोस ज़ाहिर कर दिया। बिला वास्ता तौर मुल्क के पहले वज़ीर ए आज़म जवाहरलाल नेहरू पर मोदी के इस दूसरे ‘वार’ ने मंच पर बैठे मनमोहन सिंह के लिए बेचैनी वाले हालात पैदा कर दी।
मगर, मनमोहन सिंह भी उन्हें जवाब देने में पीछे नहीं रहे। अपने अंदाज में ही सही, लेकिन उन्होंने मोदी को याद दिला दिया कि सरदार पटेल कांग्रेसी भी थे और सेकुलर भी। गौरतलब है कि इससे पहले मोदी ने एक रैली में कहा था कि नेहरू और पटेल के बीच गहरे इख्तेलाफात थे और पटेल के इंतेकाल के बाद नेहरू उनके आखिरी रसूमात में नहीं पहुंचे थे।
अहमदाबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल को वक्फ एक म्यूजियम के इफ्तेताही तकरीब में मंगल के दिन वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी एक साथ स्टेज पर मौजूद थे। मोदी ने अपनी तकरीर में पटेल का जिक्र करते हुए कहा कि,’मुल्क को हमेशा एक गिला शिकवा रहेगा, एक दर्द रहेगा… हर हिंदुस्तानी के दिल में ये दर्द रहेगा कि काश सरदार साहब हमारे पहले वज़ीर ए आज़म होते तो आज मुल्क की तस्वीर भी अलग होती, तक़दीर भी अलग होती। सरदार साहब की कमी यह मुल्क हमेशा महसूस करेगा।’
मोदी के इस वार का पीएम ने अपनी तकरीर में करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा,’ मुझे इस बात का फख्र है कि मैं उसी सियासी पार्टी से हूं, जिससे पटेल थे। हम सभी का फर्ज बनता है कि मुल्क की आवाम को खासकर नौजवानो को बेहतर तरीके से वाकिफ कराएं।’ पीएम की ये लाइनें मोदी पर तंज़ मानी जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं पटेल के नेहरू और गांधी के साथ ताल्लुकात का जिक्र करना चाहूंगा।
सरदार पटेल का मानना था कि गांधी उन्हें वालिद जैसा प्यार देते हैं। गांधी जी भी पटेल को बेटे की तरह मानते थे।’
उन्होंने आगे कहा, ‘दोनों, नेहरू और पटेल के बीच कई बार इख्तेलाफात का जिक्र आता है, लेकिन यह याद रखना बेहद जरूरी है कि दोनों के बीच रज़ामंदी के मौजू कहीं ज्यादा थे। दोनों एक दूसरे का बड़ा एहतेराम करते थे। खुद सरदार पटेल के अल्फाज़ थे कि इक्तेदार और तंज़ीम के फील्ड में नेहरू को सलाह देना मेरा सर्फ हासिल रहा है। दोनों ने हमेशा एक-दूसरे की सलाहों का एहतेराम् किया।
पीएम ने कहा, ‘सरदार पटेल का नजरिया पूरी तरह सेकुलर था। उन्हें हिंदुस्तान की सलामियत में गहरा यकीन था। उन्होंने कहा था कि पूरा हिंदुस्तान उनका गांव है और सभी फिर्के के लोग उनके दोस्त और रिश्तेदार हैं।’
प्रोग्राम खत्म होने के बाद मोदी ने गुजरात के मुद्दों पर चर्चा के लिए वक्त न देने के लिए मनमोहन सिंह पर तंज़ किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमने नर्मदा बांध की ऊंचाई, किसानों के मुद्दे और बाढ़ समेत गुजरात से जुड़े मुख्तलिफ मुद्दों पर चर्चा के लिए पीएम से वक्त मांगा। बदकिस्मती से पीएम ने गुजरात के अहम मुद्दों पर गौर करने के लिए वक्त देने से इनकार कर दिया और रियासत कांग्रेस के दफ्तर राजीव गांधी भवन के दौरे यात्रा को तरजीह दी।’