वॉशिंगटन। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अमेरिका अबतक के सबसे रोचक राष्ट्रपति चुनावों का साक्षी बन रहा है। लड़ाई डेमोक्रैट हिलरी क्लिंटन और रिपब्लिकन डॉनल्ड ट्रंप के बीच में है। पर एक गणित ऐसा भी है, जो यह दावा करता है कि ट्रंप कुछ भी कर लें, जीत नहीं सकते।
न्यूज वेबसाइट ‘द इंडिपेंडेंट’ के इस गणित के तहत ट्रंप को अगर जीत का स्वाद चखना है तो उन्हें न केवल पूर्व रिपब्लिक राष्ट्रपतियों मिट रोमनी, जॉन मकेनी और जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा जीते गए राज्यों में जीत हासिल करनी होगी बल्कि कुछ और नए राज्य जीतने होंगे।
हालांकि इंडिपेंडेंट की इस रिपोर्ट के बाद भी एक बात स्पष्ट तौर पर समझ लेनी होगी कि चुनावों में कुछ भी हो सकता है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि अब तक हुए तमाम सर्वे इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि हिलरी और ट्रंप में क्लोज फाइट है।
इंडिपेंडेंड की रिपोर्ट में एक मजेदार बात यह तथ्य है कि जरूरी नहीं कि सबसे अधिक वोट पाने वाला ही अमेरिकी राष्ट्रपति बने। अलगोर 2000 में नैशनल पॉप्युलर वोट के मामले में बाजी मारने में कामयाब तो रहे लेकिन इलेक्टोरल कॉलेज में हार गए। यानी अमेरिका का राष्ट्रपति वही बनेगा जो इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत हासिल करेगा।
इलेक्टोरल कॉलेज में वॉशिंगट डीसी सहित यूएस कांग्रेस के हर स्टेट के प्रति डेलिगेट पर एक इलेक्टोरल होता है। उदाहरण के लिए अमेरिका के राज्य वायोमिंग से कांग्रेस में 3 डेलिगेट्स हैं। इसके मुताबिक वायोमिंग के पास इलेक्टोरल कॉलेज में 3 वोट हैं।
इसी तरह कैलिफॉर्निया से कांग्रेस में 55 डेलिगेट्स हैं, इसलिए इस राज्य के पास 55 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं। अमेरिका में कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं, राष्ट्रपति बनने के लिए बहुमत चाहिए यानी जादुई नंबर 270 है।