पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले में क्या है तुर्की की तफ्तीश?

खशोगी की गुमशुदगी के बाद तुर्की सरकार ने कंसुलेट और कंसुल जनरल के घर की तलाशी ली। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को परखा गया और रियाद से इस्तांबुल आए सऊदी नागरिकों के बारे में भी जानकारी हासिल की गई।

तुर्की सरकार की छानबीन के अनुसार दो अक्टूबर की सुबह 15 सऊदी नागरिकों का एक दस्ता इस्तांबुल पहुंचा। इन्हें सीसीटीवी फुटेज में कंसुलेट और कंसुल जनरल के घर के बाहर भी देखा गया।

इन लोगों की पहचान जाहिर करते हुए तुर्की ने 15 लोगों के पासपोर्ट की कॉपी भी जारी की। तुर्की के अनुसार दो अक्टूबर की शाम ये सब दो निजी विमानों से सऊदी अरब लौट ग।

इसके अलावा खशोगी की मंगेतर ने भी स्थानीय अखबार को कुछ सबूत दिए हैं। खशोगी अपनी शादी से जुड़े दस्तावेज लेने के लिए कंसुलेट में गए थे। उनके अंदर जाने के बाद मंगेतर तीन घंटे तक बाहर उनका इंतजार करती रहीं। खशोगी का आईफोन इस दौरान उन्हीं के पास था, जो खशोगी की आईवॉच से जुड़ा था।

स्थानीय अखबार “सबाह” के अनुसार उन्होंने फोन के जरिए एक सात मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग हासिल की है, जिसमें सुना जा सकता है कि किस तरह से हत्या करने से पहले खशोगी को यातना दी गई और उनकी उंगलियां काटी गईं।

तुर्की की अब तक की तफ्तीश बताती है कि 15 लोगों के दस्ते में एक फोरेंसिक एक्सपर्ट भी मौजूद था जो अपने साथ “बोन सॉ” ले कर आया था। यह एक ऐसा हथियार होता है जिससे हड्डियां काटी जाती हैं।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि खशोगी के टुकड़े टुकड़े कर एसिड में डाल दिए गए। हालांकि कंसुलेट और कंसुल जनरल के घर की तलाशी में अवशेष बरामद नहीं हुए हैं। शुरुआती रिपोर्ट में घटनास्थल की दीवारों पर ताजा पेंट की बात जरूर कही गई है।