पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के बाद सऊदी अरब के अधिकारियों ने तेजाब में शव लगाया!

सऊदी अरब ने इस्तांबुल में अपने वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद सबूतों को छिपाने के खास मकसद से दो विशेषज्ञों को भेजा था। तुर्की के एक अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।

एक जमाने में सऊदी के शाह परिवार के करीबी रहे और बाद में उनके आलोचक बन गये खशोगी की दो अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या के एक महीने से कुछ दिन बाद भी तुर्की को अभी तक उनका शव नहीं मिल सका है।

दावे किये जा रहे हैं कि खशोगी की लाश को तेजाब में घोल दिया गया था। 59 वर्षीय पत्रकार की हत्या ने पश्चिम में सऊदी अरब की छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है और शहजादे मोहम्मद बिन सलमान बचाव की मुद्रा में आ गये हैं।

तुर्की के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर कहा, ‘‘हमारा मानना है कि तुर्की की पुलिस को परिसर की तलाशी की अनुमति देने से पहले जमाल खशोगी की हत्या के सबूतों को छिपाने के एकमात्र मकसद से दो लोग तुर्की आये थे।

अधिकारी ने सबा अखबार की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले महीने हुई हत्या की जांच करने के लिए सऊदी अरब से भेजे गये दल में रसायन विशेषज्ञ अहमद अब्दुल्ला अजीज अल-जनोबी और विष विज्ञान विशेषज्ञ खालिद याहिया अल जहरानी शामिल हैं।

अखबार के अनुसार सऊदी अरब के दल ने 11 अक्टूबर को यहां पहुंचने के दिन से 17 अक्टूबर तक रोजाना वाणिज्य दूतावास का दौरा किया।
सऊदी अरब ने तुर्की की पुलिस को अंतत: मिशन में तलाशी की इजाजत 15 अक्टूबर को दी।

सरकार समर्थक मीडिया में लगातार आरोपों के बाद तुर्की के मुख्य अभियोजक ने पिछले सप्ताह इस बात की पुष्टि की कि खशोगी जैसे ही वाणिज्य दूतावास में घुसे, उनकी गला दबाकर हत्या कर दी गयी।

तुर्की पुलिस की गहन तलाशी के बावजूद अभी तक खशोगी के अवशेष नहीं मिले हैं। खशोगी के बेटों सला और अब्दुल्ला ने सीएनएन को बताया कि वे चाहते हैं कि सऊदी अरब उनका शव लौटा दे ताकि उन्हें बाकी परिजनों की मौजूदगी में सुपुर्दे खाक किया जा सके। दोनों ने अपने पिता को ‘साहसी, उदार और बहुत बहादुर’ बताया।

33 वर्षीय अब्दुल्ला ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ हो, दर्दनाक नहीं रहा होगा या उनकी मृत्यु शांति से हुई होगी।

इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के सलाहकार यासीन अकताय ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि हो सकता है कि लाश को तेजाब में घोल दिया गया हो। तुर्की के उप राष्ट्रपति फुआत ओकताय ने सरकारी अनादोलू समाचार एजेंसी से कहा कि इन सभी खबरों की जांच होनी चाहिए।