पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी हत्या: प्रिंस सलमान को बचाना ट्रम्प के लिए सबसे बड़ी चुनौती!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हाल के महीनों में पश्चिम एशिया में अपनी बहुप्रतीक्षित शांति योजना को कई बार टालना पड़ा है और अब सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की सऊदी अरब के एजेंटों के हाथों हत्या के बाद उन्हें अपनी इस योजना को ठंडे बस्ते में डालना पड़ सकता है।

माना जा रहा था कि सऊदी अरब के शक्तिशाली वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान अहम भूमिका में होते तथा वह इस्राइल और फलस्तीन दोनों के बीच कूटनीतिक कड़ी का काम करते।

खशोगी की हत्या के बाद हालांकि मोहम्मद बिन सलमान की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं और ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप को जल्द ही अपनी पश्चिम एशिया नीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में इस्राइल में राजदूत रहे डैन शापिरो ने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से कोई प्रस्ताव जारी करने की उनकी योजना को और जटिल बनाएगा। ट्रंप ने कार्यभार संभालते वक्त इस्राइल और फलस्तीन के बीच शांति के लिये नया रुख अपनाने का वादा किया था।

अपने पूर्ववर्तियों की दशकों की विफलताओं की आलोचना करते हुए उन्होंने अपने दामाद और सलाहकार जेरड क्रुशनर की अध्यक्षता में पश्चिम एशिया टीम का गठन किया था। इस टीम के वहां से गहरे संबंध हैं।