पत्र से छेड़छाड़ नहीं हुई, DIG ने ही कहा था इस्लाम आतंकियों का धर्म है

लखनऊ. सी.आर.पी.एफ. के डीआईजी डी.के. त्रिपाठी द्वारा जारी पत्र के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी. विशेषज्ञ द्वारा की गई जांच रिपोर्ट आने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीआईजी डी के त्रिपाठी के पत्र के सिलसिले में  केन्द्रीय गृह सचिव और यूपी सी.आर.पी.एफ. के महानिदेशक को 4 हफ्ते के अन्दर जवाब देने को कहा है.

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राजनाथ सिंह से भी इस बारे में जवाब देने को कहा गया है. असल में मामला गाज़ीपुर के शम्स तबरेज़ से जुदा है, शम्स ने जब सारे एग्जाम पास कर लेने के बाद मेडिकल परीक्षण दिया तो उसमें भी वो पास हो गए लेकिन CRPF  ने फिर भी उन्हें अनफिट बता कर नौकरी में शामिल करने से मना कर दिया. इसके बाद शम्स ने RTI के ज़रिये सूचना मांगी तो उसमें कुछ ऐसा जवाब मिला जो निहायत निंदनीय था,

शम्स को जो जवाब मिला उसमें बताया गया कि आप मुस्लिम समुदाय से सम्बंधित हैं जो आतंकियों का धर्म है. अत: जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के सेक्शन 8 (1)(क) के तहत सुरक्षा कारणों से दस्तावेज़ नहीं दिया जा सकता. शम्स इस जवाब को हासिल करने के बाद जब डी.आई.जी. के खिलाफ एफ.आई.आर. कराने पर आमादा हो गए तो डी.आई.जी. डी.के.त्रिपाठी ने शम्स के खिलाफ धारा 420,467,468 और 153 बी के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करा दी. शम्स को सरकारी पत्र के साथ छेड़छाड़ के इलज़ाम में गिरफ्तार करने की तैयारी शुरू हो गई. शम्स की गिरफ्तारी पर तो हाईकोर्ट ने जांच शुरू कर दी लेकिन उस पत्र की फारेंसिक जांच भी शुरू हो गई.

जांच के बाद ये पाया गया कि शम्स ने पत्र के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है.  रिपोर्ट में लिखा है कि जिस स्थान पर कागज़ में छेड़छाड़ होती है वहां कागज़ का रंग बदल जाता है. कागज़ के फाइबर में भी बदलाव आता है. पात्र में लिखे अक्षरों और शब्दों के बीच की दूरी, पंक्तियों के बीच की दूरी का भी अध्ययन किया गया और कहीं भी छेड़छाड़ की गुंजाइश नज़र नहीं आई.

पत्र की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आल इण्डिया मुस्लिम काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी अल्लामा ज़मीर नकवी ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए लिखा.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केन्द्रीय गृह सचिव को नोटिस जारी करते हुए डी.आई.जी. की भाषा को मजहबी आज़ादी देने वाले हिन्दुस्तान के कानून की धारा 14 और 15 के सिद्धान्तों के खिलाफ बताया है. आयोग ने 4 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.

नोटिस मिलने के बाद गृह मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है. केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सी.आर.पी.एफ. के महानिदेशक को नोटिस भेजकर जवाब माँगा है.