इसराईली पार्लीमान ने पीर की रात एक नए क़ानून की मंज़ूरी दे दी है, जिस के तहत अगर किसी शख़्स पर चलती गाड़ी पर पत्थर मारने का जुर्म साबित हो गया तो उसे सख़्त सज़ा सुनाई जा सकेगी।
नए क़ानून के मुताबिक़ पथराव करने वालों को दस बरस क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है और अगर ये साबित हो गया कि पत्थर मारने वाले की नीयत नुक़्सान पहुंचाने की थी, तो उसे बीस बरस के लिए भी जेल भेजा जा सकता है। इस इसराईली क़ानून का मक़सद फ़लस्तीनी मुज़ाहिरीन का क्रैक डाउन है।
एसोसीएटड प्रेस के मुताबिक़ इस क़ानून के तहत ये देखा जाएगा कि आया पथराव करने वाले मुल्ज़िम की नीयत गाड़ी में बैठे किसी शख़्स को ज़ख़मी करने की थी या नहीं और अगर कोई मुल्ज़िम ऐसी नीयत का मुर्तक़िब पाया गया, तो उसे बीस बरस क़ैद की सज़ा सुना दी जाएगी।इसराईली फ़ोर्सेज़ पर आमतौत पर फ़लस्तीनी मुज़ाहिरीन पथराव कर के ग़ुस्से का इज़हार करते हैं।
ये क़ानूनी मुसव्वदा पार्लीमान में इसराईली क़ानूनसाज़ नीसाँ सल्लू मेह नसकी ने पेश किया। इस मौक़ा पर इन का कहना था कि यरूशलम में हिरासत में लिए जाने वाले एक तिहाई मुल्ज़िमान पथराव के जुर्म में गिरफ़्तार किए जाते हैं। उन्हों ने मज़ीद कहा कि किसी की ज़िंदगी को ख़तरात से दो-चार कर देने वाले इस मुआमले को जारिहाना अंदाज़ से ख़त्म करने की ज़रूरत है।