पद्मश्री मिलने पर सबा बोलीं-पहले तो यकीन ही नहीं हुआ

वुमेंस हॉकी टीम की साबिका कप्तान सबा अंजुम को पद्मश्री मिलने के ऐलान के बाद उसे मुबारकबादी देने वालों का तांता लगा रहा। एक तरफ वह फोन उठाकर लोगों की मुबारकबादी कुबूल करती रहीं, वहीं दूसरी ओर अपने बेटे को खाना खिलाकर सुलाती भी रहीं।

इस तरह अपनी सारी जिम्मेदारियां निभाती हुईं मुबारकबादी कुबूल करती रहीं। शाम 5 बजे तक उन्हें इसकी इत्तेला नहीं थी। मीडिया में खबरें आने पर अचानक उन्हें यकीन नहीं हुआ। पहले खुद को यकीनदहानी किया, फिर मुबारकदी देने के लिये सबका शुक्रिया अदा करती रहीं।

सबा ने कहा कि इतने बड़े एज़ाज़ के लिए रियासत की हुकूमत की शुक्रगुजार हूं। उसने हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाया। यह अवॉर्ड सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हर उस शख्स का है, जो कहीं न कहीं मुझसे जुड़ा है। मेरे कोच तनवीर अकील, खानदान के रुकन और हॉकी के सभी खिलाडिय़ों को यह सरशार है। पद्मश्री का ऐलान होने के बाद महसूस होने वाली खुशी के बारे में कहा कि जिस वक्त लोगों का आना शुरू हुआ था, मैं बेटे को सुला रही थी। चाहे जितने अवॉर्ड जीतू, लेकिन मेरा खानदान अहम है। बेटे का सुलाते-सुलाते ही लोगों से मिलना-जुलना होता रहा।