नई दिल्ली 06 अप्रैल: तारीख़ के सबसे बड़े इन्किशाफ़ समझे जानेवाले पनामा पेपर्स ने दुनिया में उथल पुथल का सिलसिला शुरू कर दिया है जबकि इन इन्किशाफ़ात का पहला शिकार आइसलैंड के वज़ीर-ए-आज़म बने हैं जिन का नाम उन पेपर्स में सामने आया था।
अप्पोज़ीशन और अवाम के दबाओ को देखते हुए उन्होंने अपना इस्तीफ़ा पेश कर दिया है और पार्लियामेंट को विलयन करने की सिफ़ारिश की है सदर आइसलैंड ने अप्पोज़ीशन जमातों से मुशावरत के बाद कोई फ़ैसला करने का इरादा ज़ाहिर किया है। पनामा ने कहा है कि वो इस में जो इन्किशाफ़ात हुए हैं उनकी तहक़ीक़ात का आग़ाज़ करेगा।
एक क़ानूनी कंपनी ने ये इन्किशाफ़ात किए हैं जिनमें कई अहम आलमी शख़्सियतों के नाम शामिल हैं। ये और बा-असर लोग शामिल हैं। पनामा में वकील इस्तिग़ासा के दफ़्तर से जारी करदा बयान में कहा गया है कि तहक़ीक़ात का मक़सद ये साबित करना होगा कि कौन से जराइम का पाप हुआ है और एसा किस ने किया है। इमकानी माली नुक़्सानात का तख़मीना भी किया जाएगा। क़ानूनी कंपनी के मोसाक फ़ोनसेका ने कहा कि एक करोड़ 15 लाख दस्तावेज़ात का उस के सर्विस से पता हुआ है जिसको महदूद हैकिंग क़रार दिया जा सकता है। इस से ज़ाहिर होता है कि बैरूनी लोग भी इस के ज़िम्मेदार हैं।
इस दौरान पनामा के सदर यवान कार्लोस वरीला ने कहा कि जिस किसी मुल्क में हुकूमतों की तरफ से उन इन्किशाफ़ात के सिलसिले में तहक़ीक़ात की जाएँगी उनका मुल्क उनमें तआवुन करेगा। उस स्कैंडल से जो नताइज सामने आएँगे उनकी तहक़ीक़ात का भी उनके मुल्क ने एलान किया है।
इन्किशाफ़ात में कहा गया है कि 1980 की दहाई में जब पनामा पर डिक्टेटर जनरल मीनोल नूरीगा की हुकूमत थी उस वक़्त कोलंबिया के मनश्शियात के गुरोहों का इस्तिक़बाल किया गया था उस के बाद से ये मुल़्क गै़रक़ानूनी रक़ूमात की मुंतकली या टैक्स चोरी करने वालों की आमाजगाह बन गया था।
इस मुल्क को गै़रक़ानूनी रुकमी मुंतकली के मर्कज़ की हैसियत से बदनाम किया जा रहा है। इस दौरान नई दिल्ली से मौसूला इत्तेलाआत के मुताबिक मज़ीद इन्किशाफ़ात हुए हैं जिनमें एक सनअतकार एक साबिक़ क्रिकेटर के नाम भी शामिल हैं जिनके मुबय्यना तौर पर बैरूनी मुल्क रवाबित थे।
रोज़नामा इंडियन एक्सप्रेस ने इन्किशाफ़ किया है कि कई हिंदुस्तानियों के नाम इस फ़हरिस्त में शामिल हैं। रोज़नामा के मुताबिक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इबराहीम का एक बाएतेमाद साथी भी इस में शामिल है जिसने बैरून-ए-मुल्क जायदादें ख़रीदने के लिए अपनी मुख़्तलिफ़ 17 शिनाख़्तें बना रखी थीं