परंपरा के विपरीत आम बजट के साथ रेल बजट भी पेश होगा आज

नई दिल्ली: आज वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में साल 2017-18 के लिए बजट पेश करेंगे. इस बार रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाएगा बल्कि यह आम बजट का ही हिस्सा होगा. 1924 से ही रेल बजट अलग से पेश होते आ रहे हैं. लेकिन इस बार मोदी सरकार परंपरा को तोड़ते हुए आम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश करने जा रही है. देश की जनता उम्मीद कर रही है कि वित्त मंत्री भारतीय रेल की तस्वीर बदलने के लिए कुछ खास योजनाएं लेकर आएंगे.

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आजतक के अनुसार, भारतीय रेल में अगर पांच सुधार किये जाएँ तो इस की तस्वीर बदल सकती है. तत्काल टिकट में सुधर दरकार है, लाख पाबंदियों के बावजूद आसानी से टिकट हासिल करना टेढ़ी खीर है जबकि डायनमिक फेयर प्रणाली में यह आसान है. लेकिन यह इतना महंगा है कि आम आदमी के लिए मुफीद नहीं लगता. जेटली आपसे अनुरोध है कि कोई ऐसी योजना लाएं कि आम आदमी भी इमरजेंसी में रेलवे की बेहतर सुविधा का इस्तेमाल कर सके.
भारतीय रेल के माध्यम से देश में कहीब 2.5 करोड़ लोग प्रतिदिन सफर करते हैं. रेल यात्रा के हर मौके पर भीड़ ही भीड़ देखने को मिलती है. सबसे पहले टिकट काउंटर पर, वेटिंग रूम में, ट्रेन में सवार होने के लिए (खासकर जनरल डिब्बे), फूड स्टॉल पर, पीने वाले पानी के लिए नलों तक लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है. जेटली जी आप से अपील है कि कुछ ऐसा करें कि ये भीड़ कम हो जाए.

रेलवे में साफ़ सफाई और पार्किंग की असुविधा से लोग परेशान रहते हैं, उम्मीद है कि आप रेलवे स्टेशनों की यह तस्वीर बदलने की भी कोशिश करेंगे.
पिछले दिनों हुए लगातार रेल हादसों के बाद से लोगों के मन में असुरक्षित रेल यात्रा की छवि बनती नजर आरही है. लोगों ने सोशल मीडिया पर अपील भी किया है कि बुलेट ट्रेन से पहले सुरक्षित ट्रेन भारत में आए. इस पर भी वित्त मंत्री धियान दें.