परनब मुकर्जी का ग़ुस्सा-ओ-ब्रहमी(नाराज्गी) फिर माजिरत ख़्वाही(माफी)

नई दिल्ली । मर्कज़ी वज़ीर फैनान्स परनब मुकर्जी आज लोक सभा में शदीद(बहुत) ग़ुस्सा-ओ-ब्रहमी(नाराज्गी) कि हालत में देखे गए, जिस की वजह से एवान की कार्रवाई तक़रीबन(लग भग) एक घंटा मुल्तवी करना(रोक देना )पड़ा, लेकिन बाद में उन्हों ने बेक़ाबू होने पर अफ़सोस का इज्हार(जाहिर) किया और कहा कि उन्हें एसा नहीं करना चाहीए था।

जैसे ही एवान की कार्रवाई दुबारा शुरू हुई परनब मुकर्जी ने अफ़सोस का इज्हार(जाहिर) करते हुए एवान से माजिरत ख़्वाही की(माफी मांगी)।

उन्हों ने कहा कि यशवंत सिन्हा ने जो मस्ला उठाया था इस पर उन्हों ने मुदाख़िलत(बीच में आने) की कोशिश की, लेकिन ना चाहते हुए भी ये वाक़िया पेश आया। मैं ख़ुद पर क़ाबू ना रख सका, लेकिन मुझे एसा नहीं करना चाहीए था। इन के इस ब्यान पर बी जे पी अरकान ने मेज़ें थपथपाइ।

क़ब्लअज़ीं(इस से पहले) परनब मुकर्जी ने मुख़्तलिफ़ मसाइल बशुमुल(जिन में) गेहूं के लिए पटसन के थैलों के मस्ले पर ब्रहमी के आलम(गूस्से कि हालत) में बाज़ रिमार्कस किए, जिस की वजह से लोक सभा की कार्रवाई एक घंटा के लिए मुल्तवी करना(रोक देना) पड़ा।