परवीन अमानुल्लाह का जदयू से इस्तीफा, ”आप” में होंगी शामिल!

समाज बोहबुद वज़ीर परवीन अमानुल्लाह ने मंगल को वज़ीर ओहदे और एसेम्बली और जदयू की रुकनीयत से इस्तीफा दे दिया। इधर खबर है कि अमानुल्लाा आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाली हैं। उन्होंने शाम साढ़े चार बजे अपने सरकारी रिहाइशगाह पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी ऐलान की। इसके बाद उन्होंने तमाम सरकारी सहूलतों को लौटा दिया। 2010 में दूसरी बार बनी एनडीए हुकूमत में उन्हें पहली बार बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल एसेम्बली इलाक़े से एमएलए चुने जाने के बाद वज़ीर बनाया गया था।

शाम साढ़े तीन बजे उनकी तरफ से प्रेस के दफ्तरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इत्तिला दी गयी। इसमें कहा गया कि वज़ीर सियासी मसले पर बातचीत करना चाहती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सीधे अपने इस्तीफे की ऐलान की। उन्होंने कहा कि हमने तीन साल में अपना काम पूरा कर लिया है।

मुझे अगर शिकायत है, तो मौजूदा सिस्टम से है। सिस्टम को और साफ सुथरी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेरा इस्तीफा वजीरे आला को मिल चुका है। इसकी इत्तिला उन्हें दिन में दे दी गयी है। वजीरे आला ने उन्हें इस्तीफा और पार्टी छोड़ने के सिलसिले में कुछ नहीं कहा है। वजीरे आला के साथ अपने खानदान का अच्छा ताल्लुक बताते हुए उन्होंने कहा, मैंने अपने फैसले के सिलसिले में खानदान के दीगर मेंबरों से भी बात कर ली है। उनलोगों ने मेरे फैसले पर किसी क़िस्म की मुदाखिलत नहीं किया है।

छुट्टी की वजह से इस्तीफे की कॉपी गवर्नर को बुध को सौंपा जायेगा। अमानुल्लाह ने कहा कि मुझे वजीरे आला से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने मुझे बहुत मौका दिया। वजीरे आला को शुक्रिया करते हुए उन्होंने कहा कि मैं सोशल खिदमत से आयी थी। दुबारा अवाम की खिदमत और सियासत में बनी रहूंगी। वज़ीर ओहदे से इस्तीफे के वजूहात के बारे में उन्होंने कहा कि ओहदे पर होने की वजह से सोशल वर्क का जवाबदेही निभाने में परेशानी हो रही थी। हमें अभी और सोशल वर्क करनी है। आम आदमी पार्टी समेत दीगर पार्टियों में शामिल होने की एमकनात को नकारते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही मैं मुस्तकबिल की पॉलिसी तय करूंगी। इसकी इत्तिला जल्द ही आप सबों को दी जायेगी।

वामपंथी पार्टियों से जदयू के मुमकिन समझौते की वजह कहीं इस्तीफा तो नहीं दी हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। जल्द ही आगे की पॉलिसी की जानकारी दूंगी। उनके इस्तीफे से हुकूमत के अल्पमत में आने की परेशानी पर उन्होंने कहा कि मेरे इस्तीफे से पार्टी को कोई परेशानी नहीं होगी। इस्तीफा का मजमून बताने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल प्राइवेट और गोपनीय है। इस सिलसिले में कुछ नहीं बताऊंगी।