गुलबर्गा: मुस्लिम नेता और आलिमों ने काजियों को सलाह दिया है कि उनके पास आने वाले तलाक और खुला के मामलों को वहीं खत्म नहीं करे बल्कि शहर में मौजूद दारुलकज़ा को ट्रांसफर कर दें। जहां उलेमा पति-पत्नी को काउंसिलनग करके मामले का हल निकालने की कोशिश करेंगे। गुलबर्गा में मुस्लिम परसनल ला जागरूकता अभियान के तहत आयोजित एक बैठक में उलमा ने तलाक के गलत इस्तेमाल की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कई सुझाव पेश किये।
न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार मुस्लिम नेताओं का कहना है कि तलाक की जरूरत और उसकी जानकारी में कमी के कारण ट्रिपल तलाक़ के घटनाएं बढ़ रही हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमरुल इस्लाम की नेतृत्व में गुलबर्गा में आयोजित बैठक में तलाक के अनावश्यक घटनाओं को रोकने के लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म पर भी जोर दिया गया।
साथ ही साथ युवाओं में निकाह और तलाक़ को लेकर जागरूकता पैदा करने की रणनीति बनाने पर भी बैठक में विचार किया गया। बैठक में इस बात पर सहमती जताई गई कि मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर जागरूकता के लिए रमज़ान में विशेष व्यवस्था किया जाये। बैठक के ज़िम्मेदारों का कहना है कि मुस्लिम परसनल ला जागरूकता के संबंध में जमाते इस्लामी ने सफल तरीके से पाक्षिक अभियान चलाया था और अब उसी कारवां को अंजाम तक पहुंचाने की जरूरत है।