उपवास से लड़की की मौत पर घिरे जैन धर्मगुरुओं ने कहा: ‘धर्म के मामले में लोग न दें दखल’

हैदराबाद: 68 दिन के उपवास रख 13 साल की आराधना की मौत के मामले में उसके परिजनों पर कई सामाजिक व बाल अधिकार कार्यकर्तायों द्धारा उठाए जा रहे सवालों पर उनके बचाव में उतरे जैन धर्मगुरुओं ने कहा है कि यह हमारे धर्म का मामला है इसलिए हमारे धर्म के मामले में कोई दखलंदाजी न दे।

आपको बता दें कि उम्र के इस छोटे से पड़ाव पर एक छोटी बच्ची पर अंध विश्वास थोङे का यह नतीजा निकल की 68 दिन के उपवास को खोलने के 2 दिन बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहाँ पर उसे हार्ट अटैक से मौत हो गई।

जिसके बाद मचे बवाल पर जैन धर्मगुरुयों ने हैदराबाद के एक कम्युनिटी हॉल में किशोरी की मौत को लेकर मचे बवाल पर एक बैठक बुलाई जिसमेंजैन गुरु मांगीलाल भंडारी ने कहा, ‘हमारे धर्म से जुड़े मौलिक अधिकारों पर किसी को दखल देने का कोई हक नहीं है और लड़की के परिजनों पर केस करना हमारे धार्मिक मामलों में दखल देना है।

इस मामले में कुछ बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि लड़की के परिवार को बिज़नेस में मुनाफा हो इसलिए किसी मुनि ने उनको लड़की से ऐसा करवाने की सलाह दी थी। जिसके बाद परिवार वालों ने उस पर दबाव डाला। लड़की के अंतिम संस्कार में पहुंचे लोग उसे उसे ‘बाल तपस्वी’ के नाम से संबोधित कर रहे थे और उसकी शव यात्रा को ‘शोभा यात्रा’ का नाम दिया गया।