पश्चिम बंगाल: इस्लामपुर में हिंसा को लेकर बीजेपी टीएमसी आमने-सामने!

पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में 20 सितंबर को पुलिस से संघर्ष के दौरान दो छात्रों की मौत पर इस्‍लामपुर में सियासत गरमा गई है। उत्‍तरी दिनाजपुर के बीजेपी अध्‍यक्ष शंकर चक्रवर्ती ने रविवार को एक जनसभा में कहा कि जनता को इस बर्बरता का बदला लेना चाहिए और पुलिसवालों को पेड़ से बांध देना चाहिए। उनके इस बयान के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया।

चक्रवर्ती ने जनसभा में कहा था-‘पुलिसवाले अगर आपके पास आते हैं तो उन्‍हें पेड़ से बांध दो। अगर वे प्‍यासे हैं और पानी मांगते हैं तो उन्‍हें पानी मत दो। उनके बजाय कुत्‍तों को पानी पिला दा।

अगर सड़क पर कोई पुलिसवाला घायल मिले तो उनके बजाय घायल पशुओं को अस्‍पताल लेकर जाओ। पुलिस को इस एरिया में घुसने मत दो। उनका सामाजिक बहिष्‍कार करो। लाठी-डंडे तैयार रखो।

इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा 26 सितंबर को बुलाए गए बंद को नाकाम किया जाएगा। पार्टी ने आरोप लगाया कि भगवा दल उत्तरी दिनाजपुर जिले में संघर्ष के दौरान दो छात्रों की मौत को लेकर प्रदेश में राजनीतिक अशांति पैदा करना चाहता है।

इस्लामपुर के दरीभीत गांव में रविवार को जब पीड़ितों के घर स्थानीय विधायक कन्हैयालाल अग्रवाल और गोआलपोखार के विधायक गुलाम रब्बानी शोक प्रकट करने पहुंचे तब स्थानीय लोगों ने उनका घेराव कर गोलीबारी की इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की जिसमें दो छात्रों की जान चली गई। भाजपा नेता मुकुल रॉय, लॉकेट चटर्जी और प्रताप बनर्जी भी पीड़ित के परिवारवालों से मिले।

नाराज गांववालों ने रविवार को पुलिस को गांव में घुसने नहीं दिया। भाजपा और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कि दोनों लड़के दरीभीत हाई स्कूल के पूर्व छात्र थे और पुलिस फायरिंग में उनकी मौत हुई, लेकिन उत्तरी दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा कि पुलिस की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई।

एसपी ने हालांकि यह स्वीकार किया कि दोनों छात्रों को गोली लगी थी और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि गोली किसने चलाई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उनकी पार्टी के पास बंद के आह्वान के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

साभार- ‘ज़ी न्यूज़’