पश्चिम बंगाल के लोगों को बीजेपी से देशभक्ति सीखने की जरूरत नहीं है- ममता सरकार

कोलकाता। स्वतंत्रता दिवस से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से देशभक्ति की भावना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया की सोच को लेकर जोश जगाने के लिए स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है लेकिन पश्चिम बंगाल की सरकार ने स्कूलों को केंद्र का सर्कुलर न मानने का निर्देश दिया है और साथ ही ‘संकल्प से सिद्धि’ को लेकर दिए गए निर्देशों का भी पालन न करने का निर्देश दिया है।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों को 9 से 30 अगस्त से तक आस-पास मौजूद शहीद स्मारकों के पास संकल्प प्रोग्राम मनाने को कहा था। इसके अलावा स्कूलों में शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित करने को कहा गया था।

इस शपथ में शिक्षक और विद्यार्थियों को साल 2022 तक देश से 5 समस्याओं को समाप्त करने के लिए शपथ लेने को कहा गया था इसमें गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, साम्प्रदायिकता और जातिवाद शामिल हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

सूबे के लोगों को भाजपा से देशभक्ति सीखने की जरूरत नहीं है। इस साल भी राज्य में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन बीते सालों की तरह ही किया जाएगा। ऐसा नहीं है कि हम केंद्र के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं लेकिन हम भाजपा से देशभक्ति का पाठ नहीं पढ़ेंगे। केंद्र सरकार को दूसरों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाने की जरूरत नहीं है।

दूसरी तरफ केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने पश्चिम बंगाल का एक ज्ञापन भी शेयर किया। उन्होंने कहा कि ज्ञापन में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है वो दुर्भाग्यपूर्ण और अजीब है। मैं उनसे बात करुंगा।